जब राजीव गांधी के एक फैसले से 18 साल के युवाओं को मिला था वोट डालने का हक

punjabkesari.in Saturday, Aug 20, 2022 - 10:26 AM (IST)

नेशनल डेस्क: देश के सबसे बड़े सियासी घराने नेहरू-गांधी परिवार से ताल्लुक रखने वाले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 78वीं जयंती है। साल 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद प्रधानमंत्री बने राजीव गांधी ने अपने कार्यकाल में कई अहम फैसले लिए जो आज भी कायम हैं। राजीव गांधी द्वारा लिए फैसलों में सबसे अहम फैसला था, 18 साल के युवाओं को मतदान करने का अधिकार देना। 20 दिसंबर, 1988 को मतदान की उम्र 21 से घटाकर 18 साल करने के लिए संसद में कानून को मंजूरी दी गई थी।

राजीव गांधी की सरकार संसद में संविधान संशोधन बिल लेकर आई और 61वें संशोधन के जरिए संविधान की धारा 326 में बदलाव कर वोट करने की आयु 21 साल से कम कर के 18 साल कर दी गई।इस अहम फैसले के बाद राजीव गांधी ने कहा था कि यह संशोधन देश के युवाओं के प्रति हमारे विश्वास की अभिव्यक्ति है। हालांकि इस संशोधन के बाद 1991 में जब देश में आम चुनाव हुए तो वोट प्रतिशत बढ़ने की बजाए कम हो गया था। 1984 के चुनाव के दौरान वोट प्रतिशत 64 फीसदी था जो 1989 में 62 फीसदी रह गया और 1991-92 में गिर कर 56 फीसदी रह गया। हालांकि बाद के चुनावों में वोट प्रतिशत में सुधार देखने को मिला और 2014 में वोट प्रतिशत बढ़ कर 66.44 फीसदी हो गया था।

1989 के चुनाव में देश में 498906129 वोटर थे जो 2014 के चुनाव में बढ़कर 834082814 वोटर हो गए और 2019 के चुनाव में करीब 90 करोड़ वोटर पंजीकृत हैं। यानि पिछले 21 साल में वोटरों की संख्या 40 करोड़ बढ़ी है और ऐसा वोट करने की आयु सीमा को घटाने के बड़े फैसले से ही संभव हुआ और लोकतंत्र में युवाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है।


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Content Writer

Anil dev

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