कोरोना वैक्सीन से जुड़े वो अहम सवाल, जिनके जवाब हर भारतीय जानना चाहता है

punjabkesari.in Wednesday, Dec 02, 2020 - 01:14 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना वैक्सीन का इंतजार कर रही है लेकिन वैक्सीन के आने के पहले लोगों के जहन में कईं तरह के सवाल आ रहे हैं। जैसे वैक्सीन की डोज मिलने ने बाद ये पक्का हो जाएगा कि कोरोना नहीं होगा। एक व्यक्ति को वैक्सीन की कितनी डोज दी जाएंगी। आज हम आपके इन्ही तमाम सवालों के जवाब लेकर आए हैं। 


PunjabKesari

क्या वैक्सीन लगने के बाद कोरोना भाग जाएगा
कोरोना काल में जैसे पूरी दुनिया में कोरोना ने तांडव मचा रखा है सभी की निगाहें बस कोरोना वैक्सीन पर है। सभी लोगों के मन में सवाल है कि वैक्सीन के आने के बाद मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की बाध्यता खत्म हो जाएगी। क्या वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा? ये ऐसे सवाल हैं जिसका जवाब जानना जरूरी है। वैक्सीन लगने से वातवरण में मौजूद वायरस खत्म नहीं होंगे।  ना ही ये बताया है कि वैक्सीन का असर कब तक रहेगा। ऐसे में वैक्सीन के बाद भी मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना सभी के लिए जरूरी होगा। अभी यह भी कहना मुश्किल है कि वैक्सीन से कोरोना एक दम दूर भाग जाएगा। वैक्सीन सिर्फ वायरस से आपका बचाव करेगी और अभी तक किसी भी वैक्सीन ने वायरस से सौ फीसदी बचाव का दावा नहीं किया है।

PunjabKesari


वैक्सीन लगाने को भारत की बड़ी तैयारी
कोविड-19 महामारी से लडऩे के लिए वैक्सीन आने की संभावना के बीच भारत सरकार ने टीका देनेवाले कर्मचारियों  की लिस्ट बना रही है जो अगले वर्ष 2021 के शुरुआती महीनों में 30 करोड़ देशवासियों को टीका लगाएंगे। अभी सार्वजनिक क्षेत्र में 70 हजार टीकाकर्मी हैं और निजी क्षेत्र के 30 हजार टीकाकर्मियों को भी अभियान में शामिल किए जाने की संभावना टटोली जा रही है। इनमें डॉक्टर, नर्स और लैब टेक्नीशियन शामिल हैं। हांलाकि सरकार ने पहले ही साफ कर दिया है कि आम आदमी तक वैक्सीन पहुंचने में अभी करीब-करीब पांच से छह महीने का वक्त लग जाएगा।  क्योंकि अभी तक जितनी भी वैक्सीन तीसरे चरण के ट्रायल में सफल हुईं हैं उन सभी का मास प्रोडक्शन अगले साल ही शुरू होने की उम्मीद है। 

PunjabKesari


वैक्सीन आने में इतनी देरी क्यों
कोरोना ने जहां रोज इतने लोगों की मौत हो रही है वहीं हर किसी के मन में यह सवाल है कि आखिर वैक्सीन आने में इतनी देरी क्यों लग रही है।  दरसअल, टीके या वैक्सीन के शोध और परीक्षण में लंबा समय लग जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि लैब में सफलता के बावजूद, सुरक्षा और प्रभावकारिता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न प्रकार के लोगों पर परीक्षण करने की आवश्यकता होती है। फिलहाल फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन की 90 प्रतिशत सफलता के वादे किए गए हैं। इनके तीसरे चरण के परीक्षण पूरे कर लिए गए हैं। इसके परिणाम अगले कुछ महीने तक आ सकते हैं। 

PunjabKesari

वैक्सीन के कितने डोज जरूरी?  
विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना वैक्सीन के लिए दो डोज जरूरी हैं। अभी तक जितनी भी वैक्सीन फाइनल स्टेज में पहुंची हैं, सभी के दो डोज लगाए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय भी जिस तरह से वैक्सीन की तैयारी कर रहा है, उससे भी ये अंदाजा लगाया जा रहा कि वैक्सीन की दो डोज जरूरी होंगे। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Anil dev

Recommended News

Related News