नक्सलियों ने CRPF जवान राकेश्वर सिंह को छोड़ा, हमले के बाद बना लिया था बंधक
punjabkesari.in Thursday, Apr 08, 2021 - 07:01 PM (IST)
नेशनल डेस्क: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच हाल में हुई मुठभेड़ के बाद अगवा किए गए एक ‘कोबरा' कमांडो को बृहस्पतिवार को रिहा कर दिया गया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 210वीं कमांडो बटालियन फॉर रिजॉल्यूट ऐक्शन (कोबरा) के कांस्टेबल राकेश्वर सिंह मन्हास की रिहाई के लिये राज्य सरकार द्वारा दो प्रमुख लोगों को नक्सलियों से बातचीत के लिये नामित किये जाने के बाद रिहा कर दिया गया। राज्य सरकार द्वारा नामित दो सदस्यीय दल में एक सदस्य जनजातीय समुदाय से थे। अर्धसैनिक बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जम्मू के रहने वाले जवान को बीजापुर स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के तारेम शिविर लाया जा रहा है। बीजापुर-सुकमा जिले की सीमा पर तीन अप्रैल को नक्सलियों द्वारा घात लगाकर किये गए हमले के बाद हुई मुठभेड़ में 22 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई थी जबकि 31 अन्य घायल हो गए थे।
Chhattisgarh: CoBRA jawan Rakeshwar Singh Manhas brought to Bijapur after being released by naxals pic.twitter.com/GxYY0nY7hy
— ANI (@ANI) April 8, 2021
लापता एक जवान की तस्वीर पत्रकारों को मिली
इससे पहले लापता एक जवान की तस्वीर बुधवार को कुछ स्थानीय पत्रकारों को मिली है। नक्सलियों द्वारा इसे पत्रकारों तक भेजे जाने का दावा किया जा रहा है। मंगलवार को नक्सलियों ने इस जवान के अपने कब्जे में होने का दावा किया था। राज्य के सुकमा और बीजापुर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में शनिवार को नक्सलियों से मुठभेड़ के बाद से लापता सीआरपीएफ के 210 कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह मनहास की तस्वीर क्षेत्र के स्थानीय संवाददाताओं को मिली है।
Chhattisgarh: CoBRA jawan Rakeshwar Singh Manhas brought to CRPF camp, Bijapur after he was released by Naxals pic.twitter.com/L1FKSCtVnb
— ANI (@ANI) April 8, 2021
तस्वीर में जवान एक झोपड़ी में बैठा हुआ दिख रहा है। तस्वीर सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गई है। सुकमा और बीजापुर जिले के स्थानीय संवाददाताओं ने बताया कि आज सुबह यह तस्वीर उन्हें मिली है। हालांकि तस्वीर में किसी भी माओवादी का चेहरा नहीं दिख रहा है। इधर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और जवान की सुरक्षित वापसी चाहते हैं।
माओवादियों ने किया था जवान के अपने कब्जे में होने का दावा
माओवादियों ने जवान राकेश्वर सिंह के अपने कब्जे में होने का दावा किया था। नक्सलियों के कथित बयान में कहा गया था कि सरकार पहले मध्यस्थों के नाम की घोषणा करे, इसके बाद बंदी जवान को सौंप दिया जाएगा और तब तक वह सुरक्षित रहेगा। इस बयान में माओवादियों ने अपने चार साथियों के मारे जाने की भी पुष्टि की थी। माओवादियों के बयान जारी होने के बाद राज्य के पुलिस अधिकारियों ने कहा था कि पुलिस जारी प्रेस विज्ञप्ति की वास्तविकता की जांच कर रही है।
लापता जवान की तस्वीर जारी होने को लेकर बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने कहा है कि पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। उन्होंने पुष्टि की कि तस्वीर लापता जवान राकेश्वर सिंह की है। सुंदरराज ने मंगलवार को कहा था कि तीन अप्रैल को सुकमा और बीजापुर के सीमावर्ती क्षेत्र के जंगल में हुई मुठभेड़ के बाद से अब तक कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह मनहास के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। सुंदरराज ने बताया कि लापता जवान की खोज में अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही क्षेत्र के ग्रामीण, सामाजिक संगठन, स्थानीय जनप्रतिनिधियों तथा पत्रकारों के माध्यम से भी आरक्षक राकेश्वर सिंह के संबंध में जानकारी ली जा रही है।
Chhattisgarh | We have brought him back safely. He will undergo a medical examination by a doctor here: SP Bijapur, on return of CoBRA jawan Rakeshwar Singh Manhas pic.twitter.com/9ULWKZsx1Q
— ANI (@ANI) April 8, 2021
मुठभेड़ में हुए थे 22 जवान शहीद
इधर बस्तर क्षेत्र में आदिवासियों के लिए काम करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी ने माओवादियों से अपील की है कि वह अपहृत जवान को रिहा कर दें। सोरी ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि जवान को सुरक्षित रिहा कराने के लिए सरकार को अब तक कुछ कदम उठाने चाहिए थे। राज्य के सुकमा और बीजापुर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान में शुक्रवार को सुरक्षा बलों को रवाना किया गया था। इस अभियान में जवान राकेश्वर सिंह भी शामिल थे। शनिवार को टेकलगुड़ा और जोनागुड़ा गांव के करीब सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बलों के 22 जवान शहीद हो गए थे तथा 31 अन्य जवान घायल हो गए। वहीं आरक्षक राकेश्वर सिंह लापता हैं। शहीद जवानों में सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन के सात जवान, सीआरपीएफ के बस्तरिया बटालियन का एक जवान, डीआरजी के आठ जवान और एसटीएफ के छह जवान शामिल थे। राज्य में इस बड़े नक्सली हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को छत्तीसगढ़ का दौरा किया था। इस दौरान शाह ने बस्तर में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने रायपुर के अस्पतालों में भर्ती घायल जवानों से भी मुलाकात की थी