पटना के गांधी मैदान बम ब्लास्ट केस में बड़ा फैसला, आठ साल पहले मोदी की रैली में हुए थे धमाके

punjabkesari.in Wednesday, Oct 27, 2021 - 02:37 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हुंकार रैली के दौरान बिहार में पटना जंक्शन और ऐतिहासिक गांधी मैदान में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने आज नौ आरोपियों को दोषी करार दिया जबकि एक को बरी कर दिया। विशेष न्यायाधीश गुरविंदर सिंह मल्होत्रा ने मामले में सुनवाई के बाद अपना निर्णय आज तक के लिए सुरक्षित रख लिया था।

संयोग यह है कि वर्ष 2013 में आज ही के दिन पटना में ये धमाके हुए थे। अदालत ने इस मामले में हैदर अली, मुजीब उल्लाह, नुमान अंसारी, उमर सिद्दीकी अंसारी, अजहरुद्दीन कुरैशी, अहमद हुसैन, इम्तियाज अंसारी, इफ्तेखार आलम और फिरोज असलम को दोषी करार दिया है जबकि एक अन्य आरोपी फखरुद्दीन को बरी कर दिया है। अदालत ने सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 01 नवंबर 2021 की तिथि निश्चित की है। 

गौरतलब है कि 27 अक्टूबर 2013 को पीएम मोदी की रैली में हुंकार रैली के दौरान पटना जंक्शन रेलवे स्टेशन के करबिगहिया स्थित प्लेटफार्म संख्या 10 के सुलभ शौचालय और ऐतिहासिक गांधी मैदान में सिलसिलेवार बम विस्फोट हुए थे, जिसमें छह लोग मारे गए थे और 89 लोग घायल हुए थे। मामले की सुनवाई पूरे आइ वर्ष तक चली। मामले में अंतिम बहस की सुनवाई पूरी करने के बाद विशेष न्यायाधीश ने निर्णय सुनाने के लिए आज की तिथि निश्चित की थी।  इस मामले में कुल 11 लोगों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया गया था।

इनमें से एक किशोर का ट्रायल किशोर न्यायालय पटना के द्वारा किया गया था जबकि 10 लोगों की सुनवाई पटना व्यवहार न्यायालय स्थित एनआईए की विशेष अदालत में की गई है। इस मामले में हैदर अली, मुजीब उल्लाह, नुमान अंसारी, उमर सिद्दीकी अंसारी, अजहरुद्दीन कुरैशी, अहमद हुसैन, फखरुद्दीन, इम्तियाज अंसारी, इफ्तेखार आलम और फिरोज असलम के खिलाफ एनआईए ने वर्ष 2014 में आरोप पत्र समर्पित किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन ने अपना मुकदमा साबित करने के लिए कुल 187 गवाह पेश किये थे। 


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Content Writer

Anil dev

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