ईज ऑफ बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग जितना जरूरी उतना ईज ऑफ जस्टिस भी: PM मोदी

punjabkesari.in Saturday, Jul 30, 2022 - 03:27 PM (IST)

नेशनल डेस्क:   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रथम अखिल भारतीय ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण बैठक के उद्घाटन सत्र में हिस्सा लिया। इस मौके पर भारत के मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना और केंद्रीय क़ानून मंत्री किरण रिजिजू भी मौजूद रहे।
 

इस दौरान उन्होंने कहा कि ईज ऑफ बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग जितना ही जरूरी ईज ऑफ जस्टिस भी है। न्याय का ये भरोसा हर देशवासी को ये एहसास दिलाता है कि देश की व्यवस्थाएं उसके अधिकारों की रक्षा कर रही हैं। इसी सोच के साथ देश ने राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण की स्थापना भी की। ताकि कमजोर से कमजोर व्यक्ति को भी न्याय का अधिकार मिल सके। 

पीएम मोदी ने कहा कि ई-कोर्ट मिशन के तहत देश में वर्चुअल कोर्ट शुरू की जा रही हैं। यातायात उल्लंघन जैसे अपराधों के लिए 24 घंटे चलने वाली कोर्ट ने काम करना शुरू कर दिया है। लोगों की सुविधा के लिए कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग इनफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार भी किया जा रहा है।

ये समय हमारी आजादी के अमृतकाल का समय है। ये समय उन संकल्पों का समय है जो अगले 25 वर्षों में देश को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। देश की इस अमृतयात्रा में व्यापार करने में आसानी और जीवन में आसानी की तरह ही न्याय की आसानी भी उतनी ही जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी समाज के लिए न्याय प्रणाली तक पहुंच जितनी जरूरी है, उतनी ही जरूरी न्याय वितरण प्रणाली भी है। इसमें एक अहम योगदान न्यायिक अवसंरचना का भी होता है। पिछले आठ वर्षों में देश के न्यायिक अवसंरचना को मजबूत करने के लिए तेज गति से काम हुआ है।


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Content Writer

Anu Malhotra

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