नड्डा ने DMK पर साधा निशाना, लगाया लोगों को भड़काने का आरोप

punjabkesari.in Monday, Aug 24, 2020 - 11:13 PM (IST)

चेन्नईः भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने तमिलनाडु की विपक्षी पार्टी द्रमुक पर हमला करते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि वह "राष्ट्र हित में काम नहीं करने वाले लोगों के लिए आश्रय स्थल" है और "हमेशा राष्ट्रीय भावना के खिलाफ भावनाएं भड़काती है।'' उन्होंने अपनी पार्टी के सदस्यों से अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में द्रमुक को उचित जवाब देने की अपील की। एम के स्टालिन नीत पार्टी पर हमला बोलते हुए नड्डा ने कहा कि द्रमुक हमेशा "राष्ट्रीय भावना के खिलाफ भावनाओं को उकसाती रही है।" नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए प्रदेश भाजपा की कार्यकारिणी को संबोधित करते हुए नड्डा ने आरोप लगाया कि द्रमुक हमेशा "विकास विरोधी" और राष्ट्र के हित के खिलाफ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘तमिलनाडु में, द्रमुक राष्ट्र के हित में काम नहीं करने वाले लोगों के लिए आश्रय स्थल रही है। आपको यह देखना चाहिए कि हम उन लोगों को करारा जवाब दें जो राष्ट्र हित के खिलाफ काम कर रहे हैं।''

नड्डा ने कहा कि अन्य लोगों को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि तमिलनाडु में विभाजनकारी ताकतों को मजबूती नहीं मिले। उन्होंने भगवान मुरुगन की स्तुति में गाए जाने वाले 'कंडा षष्टि कवचम' की कथित तौर बिगाड़ कर पेश वाले यूट्यूब चैनल करुप्पर कूतम का जिक्र करते हुए नड्डा ने कहा कि तमिलनाडु के प्रबुद्ध लोगों ने संगठन के खिलाफ आंदोलन किया। नड्डा ने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले समय में राज्य में स्थानीय निकायों और विधानसभा के चुनावों में भाजपा की पर्याप्त हिस्सेदारी होगी। उन्होंने पार्टी के सदस्यों से तमिलनाडु में वोट शेयर बढ़ाने की अपील की। उन्होंने कहा, "तमिलनाडु मंदिरों, समृद्ध संस्कृति, स्थापत्य सौंदर्य, क्रांतिकारियों, स्वतंत्रता सेनानियों, दिग्गज प्रशासकों और दुनिया भर में मशहूर उद्यमियों से भरा हुआ है। मैं तमिलनाडु की समृद्ध संस्कृति के लिए यहां के लोगों को नमन करता हूं।"

किसी का जिक्र किए बिना उन्होंने कहा कि तमिलनाडु "लंबे समय से" तमिल भाषा के बारे में बात कर रहा है और उसे यह महसूस करना चाहिए कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य अपनी मातृभाषा के माध्यम से शिक्षा को प्रोत्साहित करना है। नड्डा ने वरिष्ठ पदाधिकारियों से कहा, ‘‘मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप नई शिक्षा नीति के बारे में चर्चा करें... स्वतंत्र भारत में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिशील शासन के तहत, पहली बार सरकार ने एक शिक्षा नीति पेश की है जो भारत शिक्षा नीति है जिसमें भारत की भावना परिलक्षत होती है। नई नीति का गहन अध्ययन करें और देखें कि तमिलनाडु के लोगों को राष्ट्रीय मुख्यधारा में लाया गया है।” उन्होंने कहा कि मौजूदा प्रणाली में परीक्षा व्यक्तिनिष्ठ होती है और छात्र चीजों को याद करते हैं और उन्हें लिखते हैं। लेकिन नई नीति में, एक वैचारिक और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण रखा जाएगा।

नड्डा ने कहा कि अमीर और गरीब दोनों को गुणात्मक और सस्ती शिक्षा मिलेगी। उन्होंने कहा कि स्वीकार्यता में भी सुधार हुआ है क्योंकि आठवीं कक्षा तक शिक्षा के माध्यम के लिए स्थानीय भाषाओं का उपयोग किया जाएगा। भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘पिछली शिक्षा नीति 1986 में आई थी और उससे पहले 1968 में। पिछली बार नीति में केवल आंकड़ों में बदलाव किया गया था, सामग्री, नीति और भावना के संदर्भ में नहीं। अब, हम कह सकते हैं कि पहली बार भारत की एक स्वतंत्र शिक्षा नीति है।''

पार्टी सदस्यों से चुनाव जीतने के लिए एक तंत्र बनाने का आग्रह करते हुए नड्डा ने उन्हें बूथ समिति स्तर पर व्हाट्सएप समूह बनाने और आईटी साइट को और मजबूत करने की सलाह दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के अन्य नेताओं के भाषणों और भाजपा की उपलब्धियों को क्षेत्रीय भाषा में व्हाट्सएप और आईटी समूहों में साझा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर के साथ ही जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेने से पार्टी के सदस्य अब यह रेखांकित कर सकते हैं कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक है। उन्होंने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में देश का नेतृत्व करने में मोदी के प्रयासों की चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्र और 130 करोड़ भारतीयों को महामारी से लड़ने के लिए तैयार करने की खातिर साहसी और समय पर निर्णय लिए।


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Yaspal

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