जेएंडके में एनएएफईडी करेगा 1700 करोड़ का निवेश, उच्च घनत्व वाले सेब, अखरोट और चेरी होंगे तैयार

punjabkesari.in Saturday, Jan 02, 2021 - 05:17 PM (IST)

नई दिल्ली/जम्मू (उदय): जम्मू-कश्मीर में बागवानी को  बढ़ावा देने और इसे वैश्विक बाजार में ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए जम्मू-कश्मीर सरकार ने राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (एन.ए.एफ.ई.डी.)के साथ एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। एनएएफईडी के साथ समझौता ज्ञापन को जम्मू और कश्मीर में बागवानी क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताया गया। जिसके द्वारा सेब, अखरोट, चेरी, फूल आदि के उच्च घनत्व वाले वृक्षारोपण से किसानों की आय में 3 से 4 गुना वृद्धि होने की संभावना है। एन.ए.एफ.ई.डी अगले पांच वर्षों में 1,700 करोड़ रुपये की लागत से 5500 हेक्टेयर को मुख्य तौर पर अखरोट, चेरी, नाशपाती और अन्य महत्वपूर्ण बागवानी उत्पादों को कवर करेगा। इसके अतिरिक्त अगले तीन महीनों में प्रत्येक जिले में 20 किसान-उत्पादक समझौते के तहत स्थापित होंगे।


 एनएएफ ईडी द्वारा नार्थ कश्मीर, साउथ कश्मीर तथा कठुआ में 500 करोड रु की लागत से  प्रत्येक तीन कोल्ड स्टारेज कलस्टर  स्थापित किया जायेंगे जबकि इन्हें जियोग्रेफिकल इंडिकेशन टैग (जी.आई टैग) से जोड़ा जाएगा जिसमें सेब, अखरोट, चेरी, ओलिव, लीची इत्यादि की ब्रैंडिग एवं मार्किटिंग की जाएगी। इस अवसर पर जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की उपस्थिति में एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए जोकि सरकार के प्रमुख सचिव, कृषि और बागवानी विभाग, जेएंडके नवीन कुमार चौधरी, और प्रबंध निदेशक, एनएएफईडी संजीव कुमार चड्ढा द्वारा किये गये।  


इस अवसर पर उपराज्यपाल, मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार उन चार मुद्दों पर अथक प्रयास कर रही है, जिन्हें प्रौद्योगिकी के हस्तक्षेप के माध्यम से प्राथमिकता-बढ़ती उत्पादकता पर संबोधित किया जा रहा है। सर्वोत्तम मूल्य और बाजार समर्थन सुनिश्चित करने तथा संबद्ध गतिविधियों के माध्यम से जोखिमों का शमन, और विविधीकरण करने हेतु सुनिश्चित किया जा रहा है।
उपराज्यपाल ने कहा कि जम्मू संभाग के बागवानी उत्पादों को विपणन के लिए बड़े पैमाने पर विकसित किया जायेगा। इसके अतिरिक्त किश्तवाड़ और भद्रवाह में सेब के उच्च घनत्व वाले बागान की संभावना पर भी ध्यान दिया जायेगा।


यूटी सरकार बागवानी उत्पादों को बढ़ावा देने और गुणवत्ता रोपण सामग्री प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए एनएएफईडी के समन्वय के साथ काम करेगी। सभी प्रीमियम बागवानी उत्पादन और विपणन की जीआई टैगिंग प्रशासन की सर्वोच्चता प्राथमिकता होगी। जिसके लिए तेजी से विस्तार के लिए बागवानी क्षेत्रों को बढ़ावा देने और बाजार में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश किया जा रहा है। उपराज्यपाल ने कहा कि हम कोल्ड स्टोरेज क्षमता बढ़ाने, किसानों को बेहतर कीमत सुनिश्चित करने के लिए जम्मू संभाग के बागवानी उत्पादों को बढ़ावा देने चाहते है।


समझौता ज्ञापन के अनुसार, जम्मू-कश्मीर सरकार के साथ एनएएफईडी, यूटी प्रशासन द्वारा निर्धारित स्थानों पर भविष्य में कोल्ड एटमॉस्फियर स्टोर्स, ग्रेडिंग और प्रोसेसिंग सुविधाओं के रूप में कृषि, बागवानी फसलों के लिए फसल के बाद के बुनियादी ढांचे का निर्माण करेगा। इसके अलावा, उच्च घनत्व वाले वृक्षारोपण के कार्यान्वयन से, एनएएफईडी रूट स्टॉक बढ़ाने के लिए हाई-टेक नर्सरी विकसित करेगा और किसानों की सुविधा के लिए इसे आयात भी करेगा।


इस ऐतिहासिक पहल में गुणवत्ता रोपण सामग्री के परीक्षण के लिए नवीनतम प्रोटोकॉल के अनुसार वायरस इंडेक्सिंग लैब स्थापित करना तथा विपणन हेतु जोर दिया है। जम्मू और कश्मीर सरकार के साथ एनएएफईडी भारत के विभिन्न मेट्रो शहरों में विदेशी और गैर-मौसमी सब्जियों और फूलों के लिए फलों की फसलों की ब्रांडिंग और विपणन और बाजार लिंकेज की स्थापना पर काम करेगी।
प्रबंध निदेशक एनएएफईडी संजीव कुमार चड्ढा ने सुनिश्चित करते हुए कहा कि संगठन उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रत्येक बिंदु पर समयबद्ध तरीके से काम करेगा और जम्मू संभाग के सुगंधित पौधों को लोकप्रिय बनाने के लिए विशेष ध्यान देते हुए संकर सब्जियों के बीज और उच्च मूल्य वाले विदेशी वनस्पति बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा।


सरकार के प्रमुख सचिव, कृषि और बागवानी विभाग, जेएंडके  नवीन कुमार चौधरी ने वैश्विक बाजार में जम्मू और कश्मीर की बागवानी लेने के लिए शीत भंडारण और प्रसंस्करण सुविधाओं सहित सभी आवश्यक बुनियादी ढांचे को कम समय में उपलब्ध करवााये जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि देश के भीतर बागवानी उत्पादों की ब्रांडिंग और विपणन हेतु आधुनिक प्रक्रिया द्वारा जम्मू और कश्मीर में कृषि और बागवानी क्षेत्र में क्रांति आयेगी।


 इस अवसर पर मुख्य सचिव बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम, वित्त आयुक्त, वित्त विभाग अरुण कुमार मेहता, उपराज्यपाल के प्रमुख सचिव नीतीश कुमार के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने व्यक्तिगत रूप से और विडियों कान्फ्रैंसिंग के माध्यम से भाग लिया।
 


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Monika Jamwal

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