द्रौपदी मुर्मू एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार, PM मोदी ने कहा- महान राष्ट्रपति होंगी
punjabkesari.in Tuesday, Jun 21, 2022 - 11:15 PM (IST)
नई दिल्लीः बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने घोषणा की है कि एनडीए की तरफ से द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया है। पहली बार किसी महिला आदिवासी उम्मीदवार को वरीयता दी गई है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उनके नाम की घोषणा की। वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि द्रौपदी मुर्मू जी ने अपना जीवन समाज की सेवा और गरीबों, दलितों के साथ-साथ पिछड़े लोगों को सशक्त बनाने के लिए समर्पित कर दिया है। वह हमारे देश की एक महान राष्ट्रपति होंगी।
मोदी ने आज ट्वीट कर कहा, ‘‘श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी ने अपना जीवन समाज की सेवा और गरीबों, दलितों के साथ-साथ पिछड़े लोगों को सशक्त बनाने के लिए समर्पित कर दिया है। उनके पास समृद्ध प्रशासनिक अनुभव है और उनका कार्यकाल उत्कृष्ट रहा है। मुझे विश्वास है कि वह हमारे देश की एक महान राष्ट्रपति होंगी।''
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘‘लाखों लोग, विशेष रूप से वे लोग जिन्होंने गरीबी का अनुभव तथा कठिनाईयों का सामना किया है को श्रीमती के जीवन से बड़ी शक्ति मिली हैं। द्रौपदी मुर्मू जी के नीतिगत मामलों की समझ और दयालु स्वभाव से हमारे देश को बहुत लाभ मिलेगा।
द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू है। वह संथाल परिवार, एक आदिवासी जातीय समूह से ताल्लुक रखती हैं। वह भारतीय जनता पार्टी की सदस्य हैं। 2006 से 2009 तक एसटी मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष रहीं। 2004 से 2009 तक रायरंगपुर विधानसभा की सदस्य रहीं। ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी और बीजू जनता दल गठबंधन सरकार के दौरान वह 6 मार्च 2000 से 6 अगस्त 2002 तक वाणिज्य और परिवहन के लिए स्वतंत्र प्रभार और 6 अगस्त 2002 से 16 मई 2004 तक मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री थीं।
बता दें द्रौपदी मुर्मू ने शिक्षक के रूप में काम किया है। वह पार्षद और फिर विधायक बनीं। सर्वपल्ली राधाकृष्णन की तरह द्रौपदी मुर्मू लंबे समय से शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी हैं और लंबे समय तक विधायक और मंत्री रही हैं। उन्होंने ओडिशा सरकार के परिवहन और वाणिज्य विभागों को संभाला है। और 2007 में विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार जीता है। मुर्मू 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल भी रहीं।