शाहीन बाग पहुंचीं मुनव्वर राना की बेटियां, FIR के लिए किया योगी का शुक्रिया

punjabkesari.in Monday, Jan 27, 2020 - 08:57 PM (IST)

नेशनल डेस्कः दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ करीब 40 दिन से प्रदर्शन जारी है। सोमवार को मशहूर शायर मुनव्वर राना की दोनों बेटियां सुमैया और फौजिया शाहीन बाग पहुंची और लोगों को संबोधित किया। इस दौरान फौजिया ने कहा कि हमने लखनई में धरना दिया, आवाज उठाने पर उत्तर प्रदेश सरकार ने हमपर एफआईआर की और 4-4 धाराएं लगाईं। फौजिया ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए उत्तर प्रदेश सरकार का शुक्रिया किया।

फौजिया ने कहा कि आज की तारीख में जब तक आप पर FIR न हो ये साबित नहीं होता कि आप अपने हक की आवाज उठा रहे हैं। ये खत्म नहीं होगा और न ही हमें खत्म करना है। सुमैया और फौजिया CAA के खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद करने पहुंचीं। मुनव्वर राना की दोनों बेटियां लखनऊ के घंटाघर में CAA के खिलाफ हुए प्रदर्शन में शामिल थीं। इस प्रदर्शन में शामिल होने पर लखनऊ पुलिस ने मशहूर शायर मुनव्वर राना की दोनों बेटियों के खिलाफ भी केस दर्ज किया था।

मुनव्वर राना की बेटियों ने कहा कि शाहीन बाग से पूरा मुल्क प्रभावित है, हम लोग उनका समर्थन करने आए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों को समझाने के लिए प्रधानमंत्री नहीं आए, गृह मंत्री नहीं आए, यूपी में मुख्यमंत्री भी नहीं आए। लेकिन प्रदर्शनकारियों के समर्थन में हम बहनें आई हैं।

दोनों बहनों से जब पूछा गया कि CAA से भारत के मुसलमानों का कोई लेना देना नहीं है, ये नागरिकता लेने का नहीं, बल्कि देने का कानून है तो उन्होंने कहा कि मोदी जी पूरे देश के प्रधानमंत्री हैं, उन्होंने बस मुसलमानों को ही छोड़ दिया। सबको शामिल किया, मुसलमानों को छोड़ दिया, प्रधानमंत्री चाहते हैं कि इस मुल्क से मुसलमानों को कोई लेना देना न हो।

बता दें, उत्तर प्रदेश पुलिस ने CAA और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ लखनऊ में घंटाघर पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए मशहूर उर्दू शायर मुनव्वर राना की बेटियों और कई अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। ठाकुरगंज पुलिस स्टेशन में अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गईं, जिसमें आईपीसी की धारा 147 (दंगा करने), 145 (गैरकानूनी रूप से एकत्र होना या शामिल होने या जारी रखना यह जानते हुए भी कि इसे तितर-बितर करने की आज्ञा दी गई है) धारा 188 (लोकसेवक द्वारा विधिवत दिए आदेश की अवज्ञा) और 283 (सार्वजनिक रूप से खतरा या रुकावट) के तहत 20 महिलाओं, दो पुरुषों और 135 अज्ञात महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।


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Yaspal

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