आर्यन खान को जमानत नहीं दिला पाने पर कमाल खान ने सतीश मानशिंदे को बताया 'बुरा वकील'
punjabkesari.in Saturday, Oct 09, 2021 - 11:50 AM (IST)
नई दिल्ली- मुंबई से गोवा जा रहे क्रूज शिप से ड्रग्स मामले में गिरफ्तार किए गए शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान की जमानत याचिक खारिज होने के बाद उन्हें शुक्रवार को ऑर्थर रोड जेल भेज दिया गया। गौरतलब है कि आर्यन खान का कोर्ट में प्रतिनिधि अधिवक्ता सतीश मानशिंदे कर रहे थे। मानशिंदे ने एनसीबी के आरोपों के खिलाफ कई दलीलेंं दी लेकिन कोर्ट से जमानत नहीं दिलवा पाए। इसको लेकर अभिनेता कमाल राशिद खान यानी केआरके ने उनपर निशाना साधा है।
ड्रग्स बरामद ही नहीं हुआ तो आर्यन को जेल कैसे भेजा जा सकता है
केआरके ने ट्वीटर के जरिए एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि आर्यन खान के वकील मानशिंदे एक बेकार अधिवक्ता हैं। केआरके ने कहा है कि जब आर्यन को पास से ड्रग्स बरामद ही नहीं हुआ और ना ही उसने ड्रग्स का सेवन किया था फिर सिर्फ व्हाट्सऐप के चैट के आधार पर उन्हें जेल कैसे भेजा जा सकता है क्योंकि अदालत व्हाट्सऐप के सबूत को भरोसे में ही नहीं लेती।
NCB says that no drugs recovered from #AryanKhan neither he consumed. He is arrested coz of WhatsApp chat about drugs. Supreme Court judgement says, WhatsApp chat is not evidence for punishment. Still Satish Maneshinde is not able to get bail for Aryan means he is a bad lawyer.
— KRK (@kamaalrkhan) October 8, 2021
सतीश मानेशिंदे एक बुरे वकील हैं,
केआरके ने ट्वीट में लिखा- NCB का कहना है कि आर्यन खान से न तो कोई ड्रग्स बरामद हुआ और न ही उसका सेवन किया। उसे इसलिए गिरफ्तार किया गया क्योंकि उसके व्हाट्सऐप चैट में ड्रग्स का जिक्र है। केआरके ने आगे लिखा- सुप्रीम कोर्ट का फैसला कहता है, व्हाट्सएप चैट सजा का सबूत नहीं है। फिर भी सतीश मानेशिंदे आर्यन को जमानत नहीं दिला पाए। यानी वह एक बुरे वकील हैं।
एक लड़के को उसके पिता को सबक सिखाने के लिए दंडित न करें
केआरके ने एक और ट्वीट किया जिसमें शाहरुख खान के बेटे को ऑर्थर रोड जेल में भेजे जाने को लेकर चिंता जाहिर की। उन्होंने लिखा, यह वास्तव में कठोर है। अगर कोई लड़का सिर्फ अपने व्हाट्सएप चैट के लिए ऑर्थर जेल रोड में है, जहां भारत के शीर्ष अपराधी अबु सलेम और बॉम्बे ब्लास्ट के आरोपी जेल में हैं। एक लड़के को उसके पिता को सबक सिखाने के लिए दंडित न करें। जरा सोचिए, उसे इस अन्याय के बारे में कैसा लगेगा।