सैन्यवीरों की शहादत के 14 दिन बाद सांसद सुभाष चंद्रा ने चीनी दूतावास को दिया अपना बंगला

punjabkesari.in Saturday, Aug 01, 2020 - 10:15 AM (IST)

नेशनल डेस्क: लद्दाख में चीन के सैनिकों से मुठभेड़ में 20 भारतीय जवानोंं के शहीद होने के बाद जब देश हर उस चीज का विरोध कर रहा है जो चीन में बनी है, यहां तक कि होटलों ने चीनी नागरिकों को अपने यहां ठहराने से इंकार कर दिया है तो ऐसे में राज्यसभा सांसद सुभाष चंद्रा ने अपना मुंबई स्थित बंगला चीन के कौंसुलेट को किराए पर दिया है। चीनी कौंसुलेट इस बंगले के किराए के रूप में प्रतिमाह 4.90 लाख रुपए अदा करेगा। किराए पर बंगला देने की रैंट डील 29 जून को हुई यानि गलवान घाटी में 15 जून को भारतीय सैन्यवीरों की शहादत के 14 दिन बाद। 

 

मुंबई के सबसे पॉश इलाके कफ परेड के जॉली मेकर-1, जो देश का सबसे अमीर इलाका माना जाता है, में स्थित यह बंगला किराए पर देने के लिए सुभाष चंद्रा ने भौपाटिल अरोटे को 15 जून को अपना वकील नियुक्त किया था जिन्होंने चीन के कौंसुलेट जनरल के वाइस कौंसुल हुवांग जियांग के साथ डील पर हस्ताक्षर किए। किराए के कागजात 29 जून को तैयार करवाए गए जबकि एक जुलाई को मुंबई में पंजीकरण करवाया गया। 

 

बंगले को दो साल के लिए एक जुलाई, 2020 से लेकर 30 जून, 2022 तक किराए पर दिया गया है। डील के अनुसार लॉकिंग पीरियड 9 महीने का है तथा यदि डील रद्द करनी पड़े तो दोनों पक्षों को तीन महीने का नोटिस देना पड़ेगा।  बंगले का कारपेट एरिया 2590 स्क्वायर फीट है तथा इसके साथ दो कवर्ड पार्किंग भी किराएदार को मिलेंगी। बंगले की ग्राऊंड फ्लोर पर रहने के लिए कमरा और किचन है जबकि पहली मंजिल पर तीन बैडरूम और बच्चों के लिए एक अलग कमरा है। दूसरी मंजिल पर एक बैडरूम है। डील के अनुसार चीनी कौंसुलेट इसका इस्तेमाल केवल रहने के लिए करेंगे तथा वह अपने अधिकारियों, स्टाफ, कर्मचारियों व गैस्ट और उनके परिवारों को रख सकेंगे। 

 

सुभाष चंद्रा को मिला 58.80 लाख का चैक 
बंगले के किराए की डील के बाद चीनी कौंसुलेट ने सुभाष चंद्रा को चैक से 58.80 लाख रुपए अदा किए। यह 9 महीने का एडवांस किराया है तथा इसमें रिफंडेबल 14.70 लाख रुपए का डिपॉजिट शामिल है।   

 

डील में एक कूटनीतिक प्रावधान भी जोड़ा 
बंगला किराए पर देने के लिए चीनी कौंसुलेट के साथ हुई डील में एक कूटनीतिक प्रावधान भी जोड़ा गया है जो कहता है-‘यदि लॉकिंग पीरियड समेत डील की अवधि में चीन सरकार या भारत सरकार के फैसले से मुंबई के इस चीनी कौंसुलेट को बंद किया जाता है तो डील रद्द मानी जाएगी।’


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vasudha

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