मिशनरीज ऑफ चैरिटी: मदर टेरेसा के संगठन को फिर से मिला FCRA लाइसेंस, दो सप्ताह बाद हुआ बहाल
punjabkesari.in Saturday, Jan 08, 2022 - 01:21 PM (IST)
नेशनल डेस्क: मदर टेरेसा के मिशनरीज ऑफ चैरिटी का FCRA लाइसेंस शनिवार को फिर से बहाल कर दिया है। विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) की वेबसाइट के मुताबिक, गृह मंत्रालय की ओर से लाइसेंस के नवीनीकरण को अस्वीकार करने के दो सप्ताह बाद उसे बहाल किया गया है। लेकिन इस बारे में अभी सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एफसीआरए के तहत गैर सरकारी संगठनों को जारी पंजीकरण प्रमाणपत्रों की वैधता को अगले साल मार्च तक बढ़ा दिया था। सरकार की ओर से जारी एक नोटिस के मुताबिक, इस वैधता का लाभ मिशनरीज ऑफ चैरिटी जैसे संगठनों को नहीं मिलना था। हालांकि, अब उसकी वैधता को फिर से बहाल किया गया है।
The FCRA registration for Mother Teresa’s Missionaries of Charity is back. (Screenshot👇) The ‘adverse inputs’ harassed so many and then disappeared in two weeks.
— Derek O'Brien | ডেরেক ও'ব্রায়েন (@derekobrienmp) January 8, 2022
The POWER OF LOVE is stronger than the power of 56 inch. pic.twitter.com/TQmMKRTe7N
तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन, जो FCRA लाइसेंस रद्द करने पर सरकार की आलोचना करने वाले कई विपक्षी नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने आज सुबह प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर अप्रत्यक्ष निशाना साधते हुए ट्वीट किया “प्यार की शक्ति, 56 इंच की शक्ति से अधिक मजबूत होती है।” उन्होंने लिखा, “मदर टेरेसा के मिशनरीज ऑफ चैरिटी का एफसीआरए पंजीकरण बहाल कर दिया गया है। ‘प्रतिकूल इनपुट’ ने बहुतों को परेशान किया और फिर दो सप्ताह में गायब हो गया। प्यार की शक्ति, 56 इंच की शक्ति से अधिक मजबूत होती है।”
क्यों रद्द हुआ था लाइसेंस?
गृह मंत्रालय ने 27 दिसंबर को कहा था कि उसने कुछ ‘प्रतिकूल सूचनाएं’ मिलने के बाद मिशनरीज ऑफ चैरिटी का एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिया है। मंत्रालय की ओर से बताया गया था कि मिशनीज ऑफ चैरिटी का कोई खाता जब्त नहीं किया है लेकिन भारतीय स्टेट बैंक ने उसे बताया है कि एनजीओ ने अपने खातों पर रोक लगाने के लिए खुद बैंक को अनुरोध भेजा है। मामला सामने आने के बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने मिशनरीज ऑफ चैरिटी के बैंक खातों को कथित तौर पर जब्त करने के लिए सरकार की आलोचना की थी।