जय मां स्कंदमाता: नवरात्रि के पांचवे दिन करें मां के दर्शन, झंडेवालान मंदिर में हुई खास पूजा अर्चना
punjabkesari.in Wednesday, Oct 21, 2020 - 10:18 AM (IST)
नेशनल डेस्क: नवरात्रि के पावन मौके पर मंदिरों में रौनक देखते ही बनती है। दूर दूर से श्रद्धालु माता दरबार में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। आज नवरात्रि का पांचवां दिन है। इस दिन मां दुर्गा के पांचवे अवतार मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। इस मौके पर मां स्कंदमाता की पूजा अर्चना पूर्ण विधि-विधान के साथ की गई।
#WATCH Delhi: Morning 'aarti' being performed at Jhandewalan Temple on the fifth day (Panchami) of #Navratri today. pic.twitter.com/SXj3N8epTQ
— ANI (@ANI) October 20, 2020
नवरात्रि के खास मौके पर देश विदेश मे रहने वाले करोड़ो भक्त मां झंडेवाली के दर्शन करते हैं। दिल्ली के मध्य में स्थित झंडेवाला देवी मंदिर का अपना एक ऐतिहासिक महत्व है। आज जहां पर यह ऐतिहासिक एवं प्राचीन मंदिर स्थित है वह अरावली पर्वत की श्रृंखलाओं में से एक श्रृंखला है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर इस स्थान पर बहुत से लोग साधना करने आते थे। उनमें से एक कपड़ा व्यापारी श्री बद्री दास भी थे, जो वैष्णों माता के भक्त थे। एक दिन जब बद्री दास मां भगवती की साधना में लीन थे तो उन्हें अनुभूति हुई कि यहां पर एक प्राचीन मंदिर है जो कि जमीन में धंसा हुआ है। उन्होंने उस जमीन को खरीदकर उसकी खुदाई करवानी शुरू कर दी।
थोड़ी ही खुदाई के पश्चात् मंदिर के अवशेष मिले। इसके पश्चात् खुदाई का कार्य तेज करवा दिया गया। वहां पर एक झंडा मिला जिससे इस स्थान का नाम झंडेवाला रख दिया गया। इस सफलता के बाद जब और खुदाई की गई तो भूमि में दबी हुई मां की मूर्ति मिली। परंतु दुर्भाग्य से खोदते समय मां के हाथ खंडित हो गये। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार खंडित मूर्ति की पूजा वर्जित है। इसलिए मां की मूर्ति में चांदी के हाथ बनवाकर लगाये गये। मां की वह मूर्ति अभी भी मंदिर गुफा में सुरक्षित स्थापित है।
प्रारंभ में यहां दोनों नवरात्रों में आस-पास के शहरों, गांवों और कस्बों से लोग आते थे। इस तरह यहां मेला शुरू हुआ। यह मेला पूरे नवरात्र तक चलता था। मां की भेटें, चौकी, जागरण इत्यादि होते रहते थे। यह कार्यक्रम आज भी चालू है। परंतु भक्त हजारों की संख्या के बजाय अब लाखों की संख्या में आते हैं। और मां से अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना करते हैं।