मोहन भागवत बोले- भारत के अस्तित्व में एकता, दुनिया को हमसे सीखना चाहिए

punjabkesari.in Sunday, Aug 14, 2022 - 01:52 PM (IST)

नेशनल डेस्क: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि भारत जिस तरीके से विविधता को समेटे हुए है, उसके लिए दुनिया उसकी सराहना करती है। उन्होंने महाराष्ट्र के नागपुर शहर में ‘भारत एट 2047 : my vision my action पर एक कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जब विविधता को प्रभावी तरीके से आत्मसात करने की बात आती है, तो दुनिया भारत की ओर देखती है। दुनिया विरोधाभासों से भरी हुई लेकिन द्वंद्व से निपटने का हुनर केवल भारत के पास है।

 

भागवत ने कहा कि कई ऐतिहासिक घटनाएं रही हैं, जो हमें कभी नहीं बताई गईं और न ही उचित तरीके से कभी पढ़ाई गईं। भागवत ने कहा कि उदाहरण के लिए संस्कृत का व्याकरण जिस स्थान से उपजा, वह भारत में नहीं है। क्या हमने कभी सवाल पूछा कि क्यों?'' उन्होंने कहा कि यह मुख्य रूप से इसलिए हुआ क्योंकि सबसे पहले हम अपना विवेक और ज्ञान भूल गए और बाद में हमारी जमीन पर विदेशी आक्रमणकर्ताओं ने कब्जा कर लिया जो मुख्यत: उत्तर पश्चिम क्षेत्र से आए थे। हम अनावश्यक रूप से जाति और अन्य ऐसी ही व्यवस्थाओं को महत्व देते हैं।''

 

उन्होंने कहा कि काम के लिए बनाई व्यवस्था का इस्तेमाल लोगों तथा समुदायों के बीच मतभेद पैदा करने के लिए किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी भाषा, वेशभूषा, संस्कृतियों में मामूली अंतर हैं लेकिन हमें वृहद तस्वीर देखने तथा इन चीजों पर अटके नहीं रहने की समझ बनानी होगी।'' RSS प्रमुख ने कहा कि देश में सभी भाषाएं राष्ट्रीय भाषाएं हैं, विभिन्न जाति के सभी लोग मेरे हैं, हमें ऐसा प्रेम दिखाने की जरूरत है।


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Content Writer

Seema Sharma

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