इस मामले में मनमोहन से बहुत पीछे हैं PM मोदी

punjabkesari.in Thursday, May 18, 2017 - 02:00 PM (IST)

नई दिल्ली: भारत में बढ़ती बेरोजगारी एक चिंता का विषय है। केंद्र सरकार की ओर से जारी ताजा आंकड़ों में कहा गया है कि देश की आबादी के लगभग 11 फीसदी यानि 12 करोड़ लोगों को नौकरियों की तलाश है। लेकिन सबसे चिंता की बात यह है कि इनमें शिक्षित लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है। बेरोजगारों में 25 फीसदी 20 से 24 आयुवर्ग के हैं, जबकि 25 से 29 वर्ष की उम्र वाले युवकों की तादाद 17 फीसदी है। 20 साल से ज्यादा उम्र के 14.30 करोड़ युवाओं को नौकरी की तलाश है। श्रम मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2013 में 4.19 लाख नई नौकरियां निकली थीं। 2014 में 4.21 लाख और 2015 में वह 1.35 लाख नई नौकरियां उपलब्ध हुईं। देश के करोड़ों बेरोजगार नौजवानों के लिए ये साल अच्छे नहीं रहे है। अच्छे दिन” के वादे के साथ केंद्र की सत्ता में आई नरेंद्र मोदी सरकार नए रोजगार सृजित करने के मामले में पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह सरकार से भी पीछे है।

2014 को सरकार ने शपथ ग्रहण की
जानकारी के मुताबिक, मोदी सरकार अपने 3 साल पूरे करने जा रही है। सरकार ने  26 मई 2014 को अपनी कैबिनेट के साथ शपथ ग्रहण किया था। गौरतलब है कि केंद्रीय श्रम मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2015 और साल 2016 में क्रमशः 1.55 लाख और 2.31 लाख नई नौकरियां उपलब्ध हुईं थी। ये आंकड़े रोजगार के 8 प्रमुख क्षेत्रों टेक्सटाइल, लेदर, मेटल, ऑटोमोबाइल के 1,932 यूनिट के अध्ययन पर आधारित थे। 2009 में मनमोहन सिंह के कार्यकाल में 10 लाख नई नौकरियां तैयार हुई थीं। वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार हैं जो नई नौकरियां तैयार नहीं कर पाई है। दरअसल, भारत में बहुत बड़े वर्ग को रोजगार देने वाले आईटी सेक्टर में हजारों युवाओं की छंटनी हो रही है। आईटी सेक्टर पर नजर रखने वाली संस्थाओं के अनुसार भारत के आईटी सेक्टर में सुधार की निकट भविष्य में कोई संभावना नहीं दिख रही है।

35 साल से कम भारत की आधी आबादी
बताया जा रहा है कि केंद्र में सत्ता में आने से पहले बीजेपी ने हर साल दो करोड़ नए रोजगार पैदा करने का वादा किया था। लेकिन रोजगार सृजन में लगातार पिछड़ते जाने के बाद हो रही आलोचनाओं के जवाब में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मीडिया से कहा कि उनकी पार्टी ने नौकरी नहीं बल्कि “रोजगार” सृजन का वादा किया था। वहीं दूसरी ओर अमित शाह ने दावा किया कि मोदी सरकार की स्किल इंडिया और स्टार्ट-अप इंडिया जैसे कार्यक्रम से काफी रोजगार पैदा हुए हैं। भारत की आधी आबादी 35 साल से कम उम्र की है। 2020 तक भारत की औसत आयु 29 साल होगी जो पूरी दुनिया में सबसे न्यूनतम में से एक होगी। युवाओं की बड़ी संख्या को देखते हुए केंद्र सरकार को हर साल 1.20 करोड़ से 1.50 करोड़ तक नए रोजगार तैयार करने की जरूरत होगी। 


 


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