भारत-चीन तनाव पर PM मोदी व ट्रंप ने की गंभीर बातचीत, ड्रेगन के खिलाफ रणनीति की तैयार !

punjabkesari.in Wednesday, Jun 03, 2020 - 11:52 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पूर्वी लद्दाख के कई क्षेत्रों में भारत और चीन के सैनिकों के बीच लगभग एक महीने से तनातनी चली आ रही है। माना जा रहा है कि दोनों देश इस विवाद को सुलझाने के लिए सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बात भी कर रहे हैं। चाहे युद्ध की रणनीति हो या कूटनीति भारत हर तरह से चीन को हर कदम पर करारा जवाब देने की तैयारी में है। इस संवेदनशील मसले पर अमेरिका अपनी पेनी नजर गढ़ाए हुए है। अमेरिका जहां भारत के साथ डटा दिखाई दे रहा है वहीं लगातार चीन को चेता भी रहा है कि वह भारत को उकसाने के बजाय बातचीत और कूटनीति के जरिए इस मु्ददे का हल निकाले। 

PunjabKesari
इस बीच सबसे बड़ी खबर यह भी है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बातचीत भी हुई जिसमें भारत-चीन सीमा पर तनाव का मुद्दा भी शामिल था । जानकारी के अनुसार दोनों नेताओं ने इसमुद्दे पर गंभीर वार्ता की और आगे की रणनीति तैयार की। व्हाइट हाउस ने टेलीफोन पर हुई इस बातचीत के बारे में बयान जारी कर बताया कि इस दौरान दोनों नेताओं ने चीन के साथ विवाद पर गंभीर चर्चा की।  यान में यह भी  कहा गया‘‘राष्ट्रपति को घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि अमेरिका अगले हफ्ते भारत को दान में दिए 100 वेंटीलेटर्स की पहली खेप भेजने के लिए तैयार है।’’

PunjabKesari

उन्होंने कहा, ‘‘ हमने  LAC विवाद, जी-7 की अमेरिका की अध्यक्षता के लिए उनकी योजनाओं, कोविड-19 वैश्विक महामारी और कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत-अमेरिका चर्चाओं की मजबूती और गहराई कोविड-19 के बाद की वैश्विक संरचना में एक महत्वपूर्ण स्तंभ होगी।  बयान में कहा गया कि मोदी ने ‘‘अमेरिका में चल रही आंतरिक अशांति’’ पर चिंता जाहिर की और स्थिति के जल्द सामान्य होने की उम्मीद जताई।

PunjabKesari

बयान में कहा गया है, ‘‘इस परिप्रेक्ष्य में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को अमेरिका में आयोजित होने वाले अगले जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए निमंत्रण दिया।’’ मोदी ने ट्रंप के ‘‘रचनात्मक और दूरदर्शी रूख’’ की सराहना की और कहा कि कोविड-19 के बाद दुनिया की बदली हकीकत को ध्यान में रखते हुए इस तरह का विस्तारित मंच जरूरी होगा। गौरतलब है कि जी-7 सम्मेलन में भारत समेत  रूस, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया को आमंत्रित करने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की योजना पर चीन ने नाराजगी जताई है  और कहा कि बीजिंग के खिलाफ किसी गुटबंदी का प्रयास नाकाम साबित होगा।

PunjabKesari

बता दें कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार LAC विवाद को लेक चीन बातचीत से अधिक अपनी ताकत दिखाने को बेताब दिख रहा और चीनी सेना को भारत से सटी तिब्बत सीमा के पास युद्ध अभ्यास भी करते हुए देखा गया है । चीन ने तिब्बत मिलिट्री कमांड पर न सिर्फ पहाड़ों पर लड़ने के लिए उपयोग किये जाने वाले हथियार भिजवाए हैं, बल्कि रात में कैसे जंग लड़ी जाएगी इसका भी अभ्यास किया जा रहा है। हालांकि भारत की कोशिश लद्दाख में चीन की चालबाजी का जवाब देने की है।

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Tanuja

Recommended News

Related News