अरुणाचल प्रदेश से लापता युवक चीन की सीमा में मिला, PLA ने भारतीय सेना को दी जानकारी

punjabkesari.in Sunday, Jan 23, 2022 - 12:40 PM (IST)

नेशनल डेस्क: चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने पुष्टि की है कि उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के लापता युवक को ढूंढ लिया है और उचित प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है। असम के तेजपुर स्थित रक्षा मंत्रालय के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) लेफ्टिनेंट कर्नल हर्षवर्धन पांडे ने रविवार को यह जानकारी दी।

लेफ्टिनेंट कर्नल पांडे ने बताया, ‘‘युवक इसलिए चीनी सीमा में प्रवेश कर गया क्योंकि इलाके में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की कोई आधिकारिक दीवार या सीमांकन नहीं है, वहां केवल जंगल है। इसके कारण पीएलए ने उसे हिरासत में लिया है और स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार कागजी कारर्वाई की जा रही है।'' लापता युवक मिराम टारोन की वापसी से पहले की औपचारिकताओं के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय सेना भी उसी प्रक्रिया का पालन करती है, जब चीनी पक्ष से कोई भारतीय पक्ष में आता है।

मुझे स्थिति की जानकारी नहीं-  चीनी विदेश मंत्रालय
इससे पहले, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिजियन झाओ ने बीजिंग में एक प्रेस वार्ता में कहा था, ‘‘मुझे स्थिति की जानकारी नहीं है। चीनी पीएलए कानून के अनुसार सीमाओं को नियंत्रित करता है और अवैध प्रवेश और निकास गतिविधियों पर नकेल कसता है।'' इस बीच भारतीय जनता पार्टी के सांसद तपीर गाओ ने दावा किया था कि अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सियांग जिले में भारतीय क्षेत्र के लुंगटा जोर इलाके से चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा युवक का अपहरण किया गया और उसके ठिकाने का पता नहीं था।

रास्ता भटक गया था युवक 
भारतीय सेना ने हॉटलाइन के माध्यम से चीनी पीएलए से संपर्क किया था और अपनी तरफ से युवक का पता लगाने और स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार उसे वापस करने के लिए उसकी सहायता मांगी थी। सूत्रों ने यह भी कहा कि जब युवक शिकार करने और जड़ी-बूटी इकट्ठा करने के लिए इलाके में गया तो वह रास्ता भटक गया। घटना अरुणाचल प्रदेश के अपर सियांग जिले के लुंगटा जोर इलाके की है। तापीर गाओ ने बताया, ‘‘एक अन्य युवक जॉनी येइंग पीएलए के चंगुल से भाग निकला और अधिकारियों को सूचना दी।'' उन्होंने सरकार से उनकी शीघ्र रिहाई के लिए पहल करने का अनुरोध किया।

सितंबर-2020 में पांच युवकों को भारत को सौंपा था
उन्होंने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे से मुख्य सचिव नरेश कुमार और जिला प्रशासन को भी अवगत करा दिया है। सांसद ने दावा किया कि घटनास्थल वही है, जहां चीन ने 2018 में भारत के अंदर तीन से चार किलोमीटर सड़क बनाई थी। सितंबर-2020 में, चीनी पीएलए ने सीमावर्ती अरुणाचल के पांच युवकों को भारत को सौंप दिया था, जिनके बारे में उनका दावा था कि वे उनकी तरफ से पाए गए थे। अरुणाचल प्रदेश चीन के साथ 1,080 किलोमीटर की सीमा को साझा करता है।


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Content Editor

rajesh kumar

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