गणित का अध्यापक और तकनीक का अच्छा जानकार था हिज्बुल आतंकवादी रियाज नायकू

punjabkesari.in Wednesday, May 06, 2020 - 10:26 PM (IST)

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में बुधवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया हिज्बुल मुजाहिदीन का एक शीर्ष कमांडर रियाज नायकू आतंकवाद की राह पर चलने से पहले गणित का अध्यापक था। सुरक्षा बलों को नायकू की आठ वर्षों से तलाश थी। वह अपने ही गांव में घिरने के बाद सुरक्षा बलों के हाथों मारा गया। अवंतिपुरा में पुलिस रिकॉर्ड में उसका नाम पहली बार छह जून २०१२ को च्रोजनामचेज् में तब दर्ज हुआ जब वह बेघपुरा गांव के अपने मकान से अचानक गायब हो गया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि नायकू के खिलाफ ११मामले दर्ज थे और उस पर १२ लाख रुपए का इनाम था। वह ज्यादातर अकेला ही रहता था और आतंकवादी संगठन के अंदर किसी पर भरोसा नहीं करता था। 

PunjabKesari

उन्होंने बताया कि नायकू तकनीक का अच्छा जानकार था और सामने आने से हमेशा परहेज करता था। उसने ही 2014 में अपने साथी बुरहान वानी को संगठन की कमान संभालने को कहा था। बुरहान वानी हिज्बुल मुजाहिदीन का पोस्टर ब्वॉय था। वह 2016 में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। उसके मारे जाने के बाद नायकू ने आतंकवादी संगठन की अंदरूनी राजनीति से खुद को दूर रखा और सब्जार अहमद और फिर उसके बाद जाकिर मूसा को कमान सौंपी। वानी की मौत के कुछ ही सप्ताह के बाद सब्जार मुठभेड़ में मारा गया और मूसा ने हिज्बुल मुजाहिदीन छोड़ कर अपना अलग संगठन च्अंसार गजवात-उल-हिंदज् बनाया। यह दूसरे आतंकवादी संगठन अलकायदा से जुड़ा था। मूसा के अलग होने के बाद नायकू ने आतंकवादी संगठन की कमान संभाली।

PunjabKesari

नायकू पर नजर रखने वाले एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि वह अपने अभियान के बारे में किसी को नहीं बताता था। तकनीक का अच्छा जानकार होने के नाते तकनीक से जुड़ा ऐसा कोई भी सुबूत नहीं छोड़ता था जो सुरक्षा बलों को उस तक पहुंचा सके। किसान के बेटा नायकू ने पुलवामा के सरकारी डिग्री कॉलेज से स्नातक किया था और एक निजी स्कूल में पढ़ाता था। सुरक्षा बलों ने उसे 2010 में एक प्रदर्शन के दौरान पकड़ा था और २०१२ में उसे रिहा कर दिया था। उन्होंने बताया कि रिहा होने के तीन सप्ताह बाद मई 2012 में वह घर से चला गया और फिर नहीं लौटा। शोपियां में 2016 में एक आतंकवादी के जनाजे में वह राइफल लिए दिखाई दिया। इसके बाद से वह दक्षिण कश्मीर से आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने लगा।

PunjabKesari

 

पुलिस ने नायकू के पिता को हिरासत में लिया तो सितंबर 2015 में उसने पुलिस अधिकारियों के 11 रिश्तेदारों को बंधक बना लिया। इसके बाद पुलिस अधिकारियों को उसके पिता को रिहा करना पड़ा और बदले में अपने रिशतेदारों की सुरक्षित रिहाई कराई। नायकू अकसर पाकिस्तानी प्रोपेगंडा को बढ़ावा देता था। उसने अनेक वीडियो और ऑडियो जारी कर पुलिसकर्मियों को आतंकवाद विरोधी अभियानों से दूर रहने की चेतावनी दी थी।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Monika Jamwal

Recommended News

Related News