मेट्रो कार शेड मामलाः केंद्र ने जमीन पर जताया अपना दावा, बंबई हाईकोर्ट में दाखिल किया एफिडेविट

punjabkesari.in Monday, Jun 06, 2022 - 09:12 PM (IST)

नेशनल डेस्कः केंद्र ने सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय में एक हलफनामा दायर कर मुंबई के कांजुरमार्ग इलाके में उस जमीन पर अपना मालिकाना हक जताया, जहां महाराष्ट्र सरकार ने ‘मेट्रो कार शेड' बनाने का प्रस्ताव रखा था। केंद्र ने यह भी दावा किया कि भूमि के संबंध में एक निजी फर्म के नाम पर एक ‘डिक्री' (ओदश) धोखाधड़ी से हासिल की गई थी और इसे अमान्य ठहराया जाना चाहिए। केंद्र और महाराष्ट्र सरकार के बीच उक्त जमीन के मालिकाना हक को लेकर विवाद है।

राज्य सरकार ने करीब 100 एकड़ जमीन पर अपनी मेट्रो परियोजना के लिए ‘कार शेड' बनाने का प्रस्ताव रखा था। महाराष्ट्र सरकार को इस साल मार्च में पता चला कि उच्च न्यायालय ने अक्टूबर 2020 में कांजुरमार्ग क्षेत्र में 6,000 एकड़ से अधिक भूमि की डिक्री निजी कंपनी आदर्श वाटर पार्क एंड रिसॉर्ट्स के पक्ष में दी थी। इसके बाद, राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर डिक्री को चुनौती दी और इसे अवैध घोषित करने का अनुरोध किया गया।

केंद्र सरकार ने सोमवार को अपने हलफनामे में दोहराया कि जमीन उसकी है और केंद्र के कब्जे में है। हलफनामों में यह भी दावा किया गया कि आदर्श वाटर पार्क एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने अदालत और सरकार को धोखा देकर डिक्री हासिल की। केंद्र सरकार के रक्षा विभाग ने अपने हलफनामे में कहा, "केंद्र सरकार इस बात से इनकार करती है कि आवेदक (महाराष्ट्र सरकार) या किसी अन्य पक्ष के पास जमीन का कोई अधिकार, मालिकाना हक या कब्जा है।" न्यायमूर्ति ए. के. मेनन की एकल पीठ ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 13 जून की तारीख तय की।


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Content Writer

Yaspal

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