''मातृभूमि'' के 100 साल: PM मोदी ने की तारीफ, मीडिया समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में सक्षम

punjabkesari.in Friday, Mar 18, 2022 - 01:01 PM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि मीडिया देश और समाज में बड़ी रचनात्मक भूमिका निभा सकता है, यह बात स्वच्छ भारत अभियान तथा सरकार के अन्य कार्यक्रमों को जन-जन तक पहुंचाने में मीडिया के अभियान से हाल के समय में पुन: सिद्ध हुई है। पीएम मोदी समाचार पत्र मातृभूमि के शताब्दी समारोह के उद्घाटन के अवसर पर आज आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मैंने देखा है कि मीडिया किस तरह रचनात्मक भूमिका निभा सकता है, उदाहरण के लिए स्वच्छ भारत अभियानको घर-घर तक पहुंचाने में हर मीडिया संस्थान ने मिशन के रूप में काम किया।

 

प्रधानमंत्री ने कहा इसी तरह 'योग फिटनेस' और 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान' को भी प्रोत्साहित करने में मीडिया ने बहुत ही उत्साहवर्धक भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि यह सब यह विषय ऐसे हैं जो राजनीति और राजनीतिक दलों की भूमिका से बढ़कर हैं यह अभियान देश को आने वाले वर्षों में एक और बढि़या देश के रूप में उभारने के लिए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मातृभूमि अखबार भारत की जनता को औपनिवेशिक सत्ता के खिलाफ एकजुट करने के लिए देश के कोने कोने में स्थापित किए गए समाचार पत्रों और पत्रिकाओं की गौरवशाली परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि मातृभूमि अखबार महात्मा गांधी के आदर्शों से प्रेरित होकर स्थापित किया गया था और इसका उद्देश्य देश की आजादी के आंदोलन को सशक्त करना था उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी जब मातृभूमि के परिसर में आए थे तो उन्होंने कहा था कि मातृभूमि देश की ऐसी संस्था है जो अपने कदम पर खड़ी है उस समय कम ही अखबार मातृभूमि जैसे थे। मातृभूमि की स्थिति अद्वितीय थी पीएम मोदी ने विश्वास जताया कि मातृभूमि बापू की उन भावनाओं पर आगे भी खरा उतरेगा।

 

उन्होंने कहा कि भारत अपनी प्रतिभाशाली युवा पीढ़ी की शक्ति से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है और उनकी सरकार के सभी सिद्धांत भारत को एक आर्थिक शक्ति के रूप में उभारने के लिए हैं ताकि हमारा देश घरेलू और वैश्विक आवश्यकताओं को पूरा करने में यथोचित योगदान दे सकें। उन्होंने कहा कि आज के समय और काल में भारत से दुनिया को काफी उम्मीदें हैं। उन्होंने कहा कि हमें से बहुतों को स्वाधीनता संग्राम में अपनी जीवन को कुर्बान करने का अवसर ना मिला हो लेकिन आजादी के इस अमृत काल में हमारे सामने अवसर है कि हम भारत को एक विकसित और समावेशी भारत के रूप में विकसित करने में योगदान करें।


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Content Writer

Seema Sharma

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