गलवान घाटी में शहीद कर्नल संतोष बाबू महावीर चक्र से सम्मानित, चीनी सैनिकों के साथ लिया था लोहा

punjabkesari.in Tuesday, Nov 23, 2021 - 12:02 PM (IST)

नेशनल डेस्क: लद्दाख में गलवान घाटी में ऑपरेशन स्नो लेपर्ड के दौरान चीनी सैनिकों के साथ लोहा लेते शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू को मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया है। मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शहीद कर्नल संतोष बाबू की माता और पत्नी को महावीर चक्र सौंपा। महावीर चक्र भारत का दूसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है। वहीं ऑपरेशन स्नो लेपर्ड का हिस्सा रहे नायब सूबेदार नूडूराम सोरेन, हवलदार के.पिलानी, नायक दीपक सिंह और सिपाही गुरतेज सिंह को वीर चक्र से सम्मानित किया गया। 

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चीनी सैनिकों का डटकर किया सामना
कर्नल संतोष बाबू ने चीनी सैनिकों के घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे। कर्नल संतोष 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर थे। साल 2020 में 15 जून को भारत-चीन की सेनाएं आमने-सामने आ गई थीं। भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे तो वहीं चीन के भी कई सैनिक मारे गए थे हालांकि उसने यह स्वीकार नहीं किया था।15 जून को गलवान घाटी में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू ने बड़ी बहादुरी से चीनी सैनिकों का सामना किया था। वे ही भारतीय जवानों का नेतृत्व कर रहे थे।

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कर्नल ने चीनी सैनिकों को समझाने की कोशिश की कि जो टेंट उन्होंने लगाए हैं वो भारत की जमीन पर हैं इसलिए इन्हें हटाया जाए लेकिन चीन ने शायद कर्नल के विनम्र स्वाभाव को कमजोरी समझने की भूल कर दी। कर्नल ने अपनी टीम को टैंट उखाड़कर फेंक देने का आदेश दे दिया। इस पर चीनी सैनिक इतने नीचे स्तर पर गिर गए कि उन्होंने पत्थरबाजी करनी शुरू कर दी। इस हमले से कर्नल संतोष काफी घायल हो गए थे लेकिन वे पीछे नहीं हटे और चीनी सैनिकों के सामने डटे रहे। 15 जून को शाम करीब 7 बजे कर्नल संतोष 35 जवानों के साथ उस कैंप तक गए जहां चीनी डेरा डाले बैठे थे। कर्नल अपने सैनिकों के साथ जब कैंप के पास पहुंचे तो उन्हें महसूस हुआ कि चीनी सैनिकों के हावभाव कुछ बदले से हैं। साथ ही वो चीनी सैनिक वहां मौजूद नहीं थे जिनकी ड्यूटी अक्सर वहां होती है।

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कर्नल बाबू ने अभी इतना पूछा ही था कि आप लोगों ने टैंट यहां फिर से क्यों गाड़ दिए कि इतने में एक चीनी सैनिक सामने आया और उसने कर्नल संतोष को धक्का दे दिया। कर्नल बाबू को धक्का देने पर भारतीय सैनिक भड़क गए और भारतीय जवान चीनी सैनिकों पर टूट पड़े। रात करीब 9 बजे कर्नल बाबू के सिर से एक बड़ा पत्थर टकराया और वे गलवान नदी में गिर गए। इसके बाद 45 मिनट तक भारत और चीनी सैनिकों के बीच टकराव चला। सैनिक ग्रुपों में लड़ रहे थे। इस दौरान कई जवान गलवान नदी में गिरे, इसमें भारत के कमांडिंग ऑफिसर भी शामिल थे। चीनियों ने हमले में कील लगे रॉड और डंडों का इस्तेमाल किया।


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Content Writer

Seema Sharma

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