महाराष्ट्र: मंत्रालयों के बंटवारे पर फिर ट्विस्ट?, पवार बोले-डिप्टी CM के पास नहीं होता कोई अधिकार

punjabkesari.in Thursday, Dec 05, 2019 - 08:25 AM (IST)

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में लंबी जद्दोजहद और फुल सियासी ड्रामे के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन की सरकार तो बन गई, लेकिन अब बंटवारे पर बयानबाजी भी शुरू हो गई है। तीनों दलों को साथ लाने में सबसे बड़े किंगमेकर की भूमिका में उभरे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने मंत्रालयों के बंटवारे पर बयान देकर मामले को ट्विस्ट दे दिया है। पवार ने कहा कि राकांपा का डिप्टी सी.एम. होगा, जिसके पास कोई अधिकार नहीं होता।

 

शरद पवार का यह बयान बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि महाराष्ट्र में भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए कांग्रेस और राकांपा ने शिवसेना को समर्थन दिया है। तीनों दलों के बीच हालांकि सरकार चलाने के लिए एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाया गया है लेकिन मंत्रालयों का बंटवारा अभी तक नहीं हो सका है। उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली है, जबकि उनके साथ तीनों दलों के 2-2 मंत्रियों ने शपथ ली थी। हालांकि, गठबंधन फॉर्मूले के तहत राकांपा को डिप्टी सी.एम. का पद दिया गया है, लेकिन अब तक इस पर किसी की नियुक्ति नहीं हो सकी है। साथ ही उद्धव कैबिनेट का विस्तार भी अभी तक नहीं हो सका है।


बयान से रोटेशनल सी.एम. पर चर्चा
शरद पवार ने कहा कि मंत्रालय को लेकर उनकी पार्टी राकांपा और शिवसेना के बीच कोई झगड़ा नहीं है। यह कांग्रेस और राकांपा के बीच है। पवार ने कहा कि राकांपा के पास शिवसेना से 2 सीटें कम हैं, जबकि कांग्रेस से 10 सीटें ज्यादा हैं। उन्होंने कहा कि शिवसेना के पास मुख्यमंत्री पद है जबकि कांग्रेस के पास स्पीकर का पद है, लेकिन मेरी पार्टी को क्या मिला? डिप्टी सी.एम. के पास कोई अधिकार नहीं होता। पवार का यह बयान रोटेशनल सी.एम. की चर्चाओं को भी जोर देने वाला है। वहीं शिवसेना ने सरकार गठन के बाद रोटेशनल सी.एम. से मना करते हुए कहा था कि 5 साल तक सी.एम. उनका ही होगा।

 

भाजपा को पवार के अनुभव को समझने में क्यों लगे 5 साल : शिवसेना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा साथ मिल कर काम करने की पेशकश किए जाने के शरद पवार द्वारा किए खुलासे पर शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में बुधवार को सवाल किया गया कि राकांपा प्रमुख की उपयोगिता एवं अनुभव को समझने में भाजपा को 5 साल क्यों लग गए? संपादकीय में कहा गया कि भाजपा की सभी कोशिशें सिर्फ शिवसेना को सत्ता में आने से रोकने के लिए थीं। हालांकि, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सत्ता हासिल करने की भाजपा की योजना नाकाम कर दी। ‘सामना’ में भाजपा को यह भी चेतावनी दी गई कि यह महाराष्ट्र है। फिर से पांव फिसला तो गिर पड़ोगे।


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Seema Sharma

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