हैदराबाद कांड: ताबड़तोड़ फैसला, ऐसे घूमा काल का पहिया

punjabkesari.in Saturday, Dec 07, 2019 - 09:39 AM (IST)

हैदराबाद: जिस तरह से महाराष्ट्र में अल सुबह सरकार बनाने की घटना ने सारे देश को चौंका दिया था उसी तरह सारा देश शुक्रवार की सुबह हैदराबाद में रेप के आरोपियों की एनकाउंटर में मौत की खबर के साथ जागा। हैदराबाद में पशु चिकित्सक से बलात्कार और हत्या मामले के सभी चार आरोपी शुक्रवार पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए। आईए एक नजर डालते हैं कैसे घूमा काल का पहिया। 
 

27 नवम्बर 
09:26pM 

जानवरों की डॉक्टर राधिका (बदला हुआ नाम) अस्पताल से तोंदुपल्ली टोल पर पहुंची। वहां उसने देखा कि उसकी स्कूटी का पहिया पंक्चर है। बहन को फोन पर जानकारी दी।

09:40pM
लॉरी ड्राइवर मोहम्मद आरिफ और उसके तीन साथी जोलु नवीन, जोलु शिवा और चिंतकुंटा चेन्नाकेशवुलु मदद के नाम पर डॉक्टर को पास बने एक कमरे में ले गए और बलात्कार किया। इस दौरान डॉक्टर की हत्या के बाद शव लॉरी में रखा। 


10:15pM   
डॉक्टर की छोटी बहन तोंदुपल्ली टोल पर पहुंची मगर बहन वहां कहीं नहीं दिखी तो उसने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और उसे एक से दूसरे थाने भेजे गया। 

10:33pM
लॉरी नें तोंदुपल्ली टोल पर किया। डॉक्टर का शव लॉरी में मौजूद था। इसे मोहम्मद आरिफ चला रहा था। लॉरी शादनगर की ओर बढ़ गई। 

28 नवम्बर
01:00AM

आरोपी लॉरी लेकर नंदीगाम के एसआर पेट्रोल पम्प पर पेट्रोल खरीदने पहुंचे। डीजल से चलने वाली लॉरी को पेट्रोल की क्या जरूरत, सेल्समैन को शक हुआ और उसने पेट्रोल देने से इनकार कर दिया।


01:25AM
आरोपी कोथुर में इंडियन ऑयल के पेट्रोल पम्प पर पहुंचे। पेट्रोल खरीदने के बाद यूटर्न लेकर शादपुर की तरफ वापस लौटे। 

02:00AM
महबूबनगर के चाटनपल्ली मेें एक अंडरपास के नीचे आरोपियों ने लॉरी रोकी। शव को लॉरी से उतारा तथा पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी। 


02:30AM
शव को जलता छोड़ आरोपी वापस कोथुर पहुंचे और वहां डॉक्टर की स्कूटी को छोड़ दिया।


03:20AM
चारों आरोपी आरामगढ़ जंक्शन पहुंचे और अलग-अलग हो गए। आरिफ माल उतारने के लिए लॉरी को हैदराबाद ले गया।

10:30AM 
पुलिस ने एक किसान की सूचना पर चाटनपल्ली अंडरपास से जला हुआ शव बरामद किया। डॉक्टर के परिजनों ने ब्रेसलेट से शिनाख्त की।


29 नवम्बर
पुलिस ने डॉक्टर की हत्या और दुष्कर्म के आरोप में चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया। 

30 नवम्बर
भीड़ ने उस थाने को घेर लिया जहां चारों आरोपी कैद थे। समझा-बुझाकर लोगों को शांत कराया गया। चारों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पूरे देश में इस घटना के विरोध में स्वर उठने लगे।  

2 दिसम्बर
 संसद के दोनों सदनों में बेटियों की सुरक्षा का मामला गूंजा। सदस्यों ने यहां तक सुझाव दिए कि ऐसे लोगों को सबके सामने सजा दी जाए। भीड़ को सौंप दिया जाए। 

4 दिसम्बर
तेलंगाना सरकार ने मामले की त्वरित सुनवाई के लिए फास्ट ट्रेक कोर्ट गठित करने का आदेश दिया।

6 दिसम्बर
आरोपियों को सीन रिक्रिएट करने के लिए पुलिस मौके पर ले गई। वहां पुलिस के हथियार छीनकर उन्होंने गोली चलाते हुए भागने की कोशिश की, पुलिस की जवाबी कार्रवाई में चारों मारे गए। यह वहीं जगह थी जहां चारों आरोपियों ने पीड़िता को जलाया था।  


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Edited By

Anil dev

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