किसान आंदोलन: महाराष्ट्र सरकार ने बताया, जांच में किन लोगों के नाम आए सामने

punjabkesari.in Monday, Feb 15, 2021 - 07:43 PM (IST)

नेशनल डेस्कः महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सोमवार को कहा कि पुणे में एक महिला के कथित आत्महत्या मामले की जांच में पुलिस पर कोई दबाव नहीं है। राज्य में विपक्षी पार्टी भाजपा का दावा है कि यह मामला राज्य के एक मंत्री से जुड़ा है। पुणे के हडसपर इलाके में एक इमारत से गिरने से 23 वर्षीय एक महिला की मौत हो गई थी और कुछ सोशल मीडिया पोस्टों में दावा किया गया था कि उसके राज्य के एक मंत्री के साथ संबंध थे। कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त होने के बाद पैदा हुई दिक्कतों की वजह से देशमुख अस्पातल में भर्ती हुए थे। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि कानून के अनुसार इस मामले की जांच की जाएगी।

मंत्री ने कहा, ‘‘ किसी की तरफ से कोई दबाव का तो सवाल ही पैदा नहीं होता है। मुख्यमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि नियमों के अनुसार ही मामले की जांच होगी। विपक्ष के आरोप में कोई सच्चाई नहीं है।'' वहीं किसान आंदोलन के समर्थन में कई अंतरराष्ट्रीय हस्तियों के ट्वीट के बाद केंद्र सरकार का समर्थन करने वाले कई प्रमुख हस्तियों के ट्वीट को लेकर जांच मामले के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया।''

मंत्री ने कहा, ‘‘ मैंने यह कहा कि हस्तियों के ट्वीट के मामले में भाजपा आईटी सेल के विरूद्ध जांच की जाएगी। लेकिन इस खबर को मीडिया में कुछ रूप में दिखाया गया जैसे कि मैंने यह कहा हो कि लता मंगेशकर और सचिन तेंदुलकर जैसी हस्तियों के खिलाफ जांच की जाएगी। ऐसा मैंने कुछ कहा ही नहीं। उनके खिलाफ जांच का सवाल ही नहीं है।'' देशमुख ने कहा कि इस मामले में प्राथमिक जांच जारी है और अब तक भाजपा आईटी सेल के पदाधिकारियों समेत सोशल मीडिया में प्रभाव डालने वाले लोगों के नाम सामने आए हैं।

देशमुख ने जी एन साईबाबा की पत्नी द्वारा उनके इलाज को लेकर उठाए गए सवाल को खारिज करते हुए कहा कि जेल अधिकारी उनके स्वास्थ्य का ध्यान रख रहे हैं। साईबाबा दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर हैं और वह माओवादियों से संबंध रखने के मामले में नागपुर केंद्रीय कारागार में उम्र कैद की सजा काट रहे हैं।


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Yaspal

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