लव जिहाद: ओवैसी ने कहा-कानून बनाने से पहले जरा संविधान तो पढ़ लीजिए
punjabkesari.in Sunday, Nov 22, 2020 - 05:21 PM (IST)
नेशनल डेस्कः भारत में इन दिनों लव जिहाद के खिलाफ कानून का मामला सुर्खियों में छाया हुआ है। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने जहां इसके खिलाफ कानून का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। वहीं, उत्तर प्रदेश भी जल्द इसे लेकर कानून बनाने वाला है। इसके अलावा बिहार, हरियाणा में भी कानून बनाए जाने की मांग उठ रही है। इस बीच एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इसे संविधान की भावना के खिलाफ बताते हुए पहले उसे बढ़ने की सलाह दी है।
ओवैसी ने रविवार को कहा कि इस तरह का कानून संविधान की धारा 14 और 21 के खिलाफ है। विशेष विवाह अधिनियम को तब खत्म कर दीजिए। कानून की बात करने से पहले उन्हें संविधान को पढ़ना चाहिए। नफरत का ऐसा प्रचार काम नहीं करेगा। भाजपा युवाओं का ध्यान बेरोजगारी से हटाने के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रही है।‘
Hyderabad was hit by a flood. What financial help did Modi government provide to Hyderabad? They are trying to give this (election) a communal colour because they provided no help at that time. This will not work here, people know: AIMIM chief Asaduddin Owaisi on #GHMCElections https://t.co/repMugt9Xi
— ANI (@ANI) November 22, 2020
यूपी में पांच से 10 साल की सजा का प्रावधान
उत्तर प्रदेश के गृह विभाग ने लव जिहाद के खिलाफ प्रस्तावित कानून का मसौदा तैयार कर लिया है। मसौदे को परीक्षण के लिए विधायी विभाग को भेज दिया गया है। इसे अगली कैबिनेट बैठक में पेश किए जाने की संभावना है। विभाग द्वारा तैयार मसौदे में इसे 'गैर कानूनी धर्मांतरण निरोधक विधेयक' कहा जा रहा है। ऐसे मामले में दोषी पाए जाने पर आरोपी को पांच से 10 साल तक की सजा दी जा सकती है।
मध्यप्रदेश में पांच साल तक की सजा का होगा प्रावधान
मध्यप्रदेश में लव जिहाद रोकने के लिए राज्य सरकार एक नया एक्ट, 'मध्यप्रदेश फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट-2020' ला रही है। इसका ड्राफ्ट लगभग तैयार हो चुका है। इस कानून के तहत लव जिहाद का ताजा मामला पकड़े जाने पर पांच साल की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा ऐसे विवाह जो पहले हो चुके हैं, उन्हें रद्द करने का अधिकार फैमिली कोर्ट को दिया जाएगा।
विधानसभा के शीत सत्र में पेश होगा ड्राफ्ट
बताया जा रहा है कि जल्द ही ड्राफ्ट को अंतिम रूप देकर विधि विभाग को परीक्षण के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद सीनियर सेक्रेटरी की कमेटी इस पर चर्चा करेगी। कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। एक्ट में प्रलोभन, बलपूर्वक, धोखाधड़ी, बहकावे के जरिए शादी करने का भी उल्लेख होगा।
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