बम बम हुई शिव नगरी: मेवे का सेहरा बांध दुल्हा बनेंगे भोले बाबा, गौरा पहनेंगी गुजराती लहंगा

punjabkesari.in Thursday, Mar 11, 2021 - 02:31 PM (IST)

नेशनल डेस्क:  आज पूरा देश महाशिवरात्रि के पावन पर्व  के रंग में रंगा दिखाई दे रहा है। श्रद्धालु ‘हर-हर महादेव' का जयकारा लगाते हुए शिवालयों या मंदिरों में भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर रहे हैं। शिव की पावन नगरी काशी में इस पर्व की अलग ही धूम दिखाई दे रही है। भोले की बारात के लिए पूरा शहर सज चुका है। इस बार जहां गौरा अपने विवाह में गुजराती लहंगा पहनेंगी तो वहीं भोलेनाथ के सिर पर मेवे का सेहरा सजेगा।

PunjabKesari

कहा जा रहा है कि खास आर्डर देकर भगवान शिव और मां पार्वती के कपड़े मंगवाए गए हैं। माता गौरा के लहंगे में बहुरंगी रेशमी धागों से कढ़ाई की गई है, इसके बॉर्डर पर नगदार गोटे भी लगवाए गए हैं। वहीं भगवान शिव खादी के बने हुए धोती कुर्ता धारण करेंगे, लेकिन इस गबार सेहरा आकर्षण का केंद्र होगा। पहली बार भगवान शिव मेवे से बने सेहरे को धारण करेंगे।

PunjabKesari
तीनों लोकों से न्यारी महादेव की नगरी काशी में बाबा विश्वनाथ के विवाह की तैयारियां तिलकोत्सव से शुरू हुई थी। बसंत पंचमी के दिन बाबा विश्वनाथ की प्रतिमा का तिलकोत्सव हुआ था।  काशी विश्वनाथ की पारम्परिक रस्में जीवन के साथ निभाई जाती हैं। माना जाता है कि बाबा विश्वनाथ काशी में आ कर अड़भंगी रूप रहते हैं और सामाजिक जीवन की स्स्मों भी आनन्द लेते हैं।

PunjabKesari

महाशिवरात्रि के बारे में कई मान्यताएं हैं। पुराणों में कहा गया है कि विवाह में देवताओं के अलावा असुर और मानव, भूत-प्रेत, गण आदि सभी मौजूद थे. इस शादी में बड़े से बड़े और छोटे से छोटे लोग शामिल हुए थे।  माना जाता है कि उत्तराखंड के सोनप्रयाग के पास स्थित त्रियुगी नारायण मंदिर में भगवान विष्णु ने शिव-पार्वती विवाह कराया था। इस प्रचलित महत्व के चलते यह मंदिर अब दूर दूर तक प्रसिद्ध हो गया है।

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

vasudha

Recommended News

Related News