नोटबंदी की तरह बिना योजना के हुआ लॉकडाउन, करोड़ों नौकरी गईं: कांग्रेस
punjabkesari.in Saturday, Apr 25, 2020 - 06:13 PM (IST)
नई दिल्ली: कांग्रेस ने शनिवार को कोरोना लॉकडाउन पर सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने लॉकडाउन किए जाने पर कहा है कि बिना सोचे-समझे और बिना योजना के फैसला लेने से नुकसान सिर्फ मौद्रिक नहीं होता है। केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाया कि नोटबंदी की तरह लॉकडाउन से भारत का काफी नुकसान हुआ है। कांग्रेस ने कहा है कि 14 करोड़ से अधिक लोग अपनी नौकरी खो चुके हैं। आने वाले हफ्तों में लाखों के नौकरी जाने की आशंका है, क्या भाजपा सरकार के पास उनकी मदद करने की योजना है?
इससे पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने यह भी कहा कि लॉकडाउन के समय में ‘अर्थव्यवस्था का लॉकआउट’ हो गया है और ऐसे में सरकार को कदम उठाने की जरूरत है। सिब्बल ने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री जी, आप सलाह दीजिए, लेकिन कभी-कभी कांग्रेस पार्टी की सलाह भी ले लीजिए। कांग्रेस नेता के मुताबिक कोविड-19 के बाद नया हिंदुस्तान बनाना है। हम सब मिल जुलकर देश को आगे बढ़ाएं। उन मुद्दों पर ध्यान दें जो देश को आगे बढ़ाने वाले हैं। इनमें शिक्षा और स्वास्थ्य महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। प्रधानमंत्री बताएं कि इन पर उनकी योजना क्या है।
सिब्बल ने कहा कि प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर होने की बात करते हैं। अगर भारत को आत्मनिर्भर होना है, यह कैसे होगा? हम तो बाहर की कंपनियों पर निर्भर हैं। ज्यादातर कपंनियां तो बाहर हैं। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल का दाम 20 डॉलर हो गया है और पेट्रोल एवं डीजल की कीमत वही बनी हुई है। आप इसका फायदा जनता को क्यों नहीं दे रहे हैं?
As #COVID spreads, Modi Govt hurts 1.1cr Central Govt employees instead of providing relief. Withdrawing DA instead of cutting wasteful expenditure like Central Vista project is insensitive & inhumane. Former PM Dr. Manmohan Singh, Shri @RahulGandhi & others express deep concern. pic.twitter.com/M6WQ0tojxG
— Congress (@INCIndia) April 25, 2020
सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में वृद्धि रोकने का उल्लेख करते हुए उन्होंने सवाल किया कि यह कदम क्यों उठाया गया? उन्होंने आपदा मोचन अधिनियम-2005 का हवाला देते हुए कहा कि इस कानून के मुताबिक एक राष्ट्रीय प्राधिकरण होता है जिसमें नौ मनोनीत सदस्य होते हैं इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं। इसके तहत एक राष्ट्रीय योजना बनानी होती है। सिब्बल ने सरकार से आग्रह किया कि हमारी सलाह है कि जल्द से जल्द एक राष्ट्रीय योजना बनाइए। सिब्बल के अनुसार इस कानून के तहत लोगों को दी जाने वाली सुविधाएं भी लिखित हैं। लेकिन सरकार की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया।