ऑफ द रिकॉर्डः लॉकडाऊन अभी जारी रहेगा, राज्यों में जरूरी गतिविधियों को ढील मिलेगी

punjabkesari.in Saturday, Apr 11, 2020 - 05:35 AM (IST)

 नेशनल डेस्कः इस बात की प्रबल संभावना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार सायं या सोमवार सुबह देश को संबोधित करके लॉकडाऊन पर अपने फैसले की घोषणा कर दें। कल शनिवार 11 बजे मुख्यमंत्रियों से वीडियो कांफ्रैंसिंग के बाद प्रधानमंत्री कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में गठित सचिव समिति के विचार सुनेंगे। इसके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाला मंत्रीसमूह प्रधानमंत्री के समक्ष अपने निष्कर्ष रखेगा। सभी संकेतों के अनुसार देश के 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में से 11 में कोरोना के मामले तेजी से बढऩे के मद्देनजर सरकार कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती इसलिए लॉकडाऊन और 2 सप्ताह के लिए बढ़ा दिया जाएगा। 

अगर इन 11 राज्यों की बात करें तो यहां कोरोना के मामले ताबड़तोड़ बढऩे से कई जगहें हॉटस्पॉट में तबदील हो गई हैं। महाराष्ट्र के मुम्बई, पुणे, ठाणे और नागपुर में कोरोना केस बढ़ रहे हैं लेकिन अन्य जिलों में हालात उतने खराब नहीं हैं। वैसे राज्य भी महामारी को कोई मौका नहीं देना चाहते परंतु वे चाहते हैं कि कुछ सेवाओं पर से पाबंदी हटे या ढील मिले। ये राज्य चाहते हैं कि अंतर-जिला आवागमन ऐसे ही जारी रहे लेकिन जिलों के भीतर आवागमन को कुछ हद तक अनुमति दी जाए।

दिल्ली के 22 हॉटस्पॉट सहित देश में लगभग 500 हॉटस्पॉट हो गए हैं जो सील कर दिए गए हैं और वहां किसी को भी आने-जाने की अनुमति नहीं है, यहां तक कि जरूरी सामान खरीदने के लिए बाहर आने की इजाजत नहीं है। राज्य और केंद्र सरकार गरीबों और जरूरतमंदों के जीवन और जीविका के बीच कोई समाधान निकालने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अनौपचारिक और असंगठित सैक्टर में 40 करोड़ लोग काम करते हैं। 

जब कृषि क्षेत्र खोलने की बात हो रही है तो खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को भी खोलने के लिए दबाव बनना शुरू हो गया है। केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने केंद्र के समक्ष प्रस्ताव रखा है कि इस सैक्टर को आंशिक रूप से ही खोलने की अनुमति दी जाए। कटाई का सीजन शुरू होने से मंडियों में नई फसल आने लगेगी। हाइवे पर ट्रकों को चलने की अनुमति दे दी गई है। इस सबके बावजूद सबसे बड़ा सवाल है कि मजदूर कहां से आएंगे? 

लेबर मंत्रालय का केंद्र से कहना है कि लॉकडाऊन में ढील दिए बिना मजदूर कैसे आएंगे। जरूरी चीजों की आपूर्ति के लिए ई-कामर्स कंपनियों को चलने की अनुमति मिलनी चाहिए। प्लम्बर, इलैक्ट्रीशियन व अन्य मैंटेनैंस गतिविधियों को भी परमिट के जरिए सीमित अनुमति मिलनी चाहिए। टैक्सी एप्स को सीमित घंटों और कड़े दिशानिर्देशों के तहत सेवाएं देने की अनुमति देने पर भी विचार चल रहा है।   


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Pardeep

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