PM मोदी को एक्सपर्ट्स की चिट्ठी- कोरोना पर केंद्र का रवैया गलत, भारत अब चुका रहा कीमत

punjabkesari.in Monday, Jun 01, 2020 - 02:02 PM (IST)

नेशनल डेस्कः केंद्र सरकार ने लॉकडाउन से बाहर आने के लिए धीरे-धीरे कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है। अनलॉक के पहले चरण की शुरुआत 1 जून यानि कि आज से हो गई है। वहीं देश को अनलॉक करने पर नेशनल टास्क फोर्स के विशेषज्ञों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। विशेषज्ञों ने पीएम मोदी को खत लिखकर कोरोना वायरस के कम्युनिटी ट्रांसमिशन की आशंका जाहिर की है। विशेषज्ञों ने लिखा कि भारत के कई जोन में अब कोरोना का कम्युनिटी ट्रांसमिशन हो रहा है, ऐसे में यह मानना गलत होगा कि वायरस पर काबू पाया जा सकता है। Covid-19 पर गठित नेशनल टास्क फोर्स के सदस्यों ने कोरोना से निपटने में सरकार के रवैये की आलोचना भी की। बता दें कि अप्रैल महीने में भारत की मेडिकल रिसर्च संस्था (ICMR) ने भी देश के कई जोन में कम्युनिटी ट्रांसमिशन की तरफ इशारा किया था, हालांकि तब स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे नजरअंदाज किया था।

 

तीन नामी संस्थाओं के विशेषज्ञों ने लिखी चिट्ठी
25 मई को मेडिकल क्षेत्र से जुड़ी तीन नामी संस्थाओं ( एम्स, बीएचयू, जेएनयू) के विशेषज्ञों ने प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी में कहा कि सरकार के कोरोना पर अपनाए गए तौर-तरीके सही नहीं हैं। पीएम मोदी को पत्र लिखने वालों में स्वास्थ्य मंत्रालय के पूर्व सलाहकार, एम्स, बीएचयू, जेएनयू के पूर्व और मौजूदा प्रोफेसर शामिल हैं। इस पत्र पर डॉ डीसीएस रेड्डी के भी साइन हैं। डॉ रेड्डी कोरोना पर अध्ययन के लिए गठित कमेटी के प्रमुख हैं। दिल्ली स्थित एम्स में कम्युनिटी मेडिसिन के प्रमुख और रिसर्च ग्रुप के सदस्य डॉ शशिकांत ने भी इस पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।

 

लॉकडाउन का नहीं हुआ सही से पालन
विशेषज्ञों ने लॉकडाउन को क्रूर बताते हुए लिखा कि लॉकडाउन की कठोर सख्ती, नीतियों में समन्वय की कमी की कीमत अब भारत को चुकानी पड़ रही है। अगर इस महामारी की शुरुआत में ही, जब संक्रमण की रफ्तार कम थी तब मजदूरों को घर जाने की अनुमति दे दी गई होती तो मौजूदा हालत से बचा जा सकता था। शहरों से लौट रहे मजदूर अब देश के कोने-कोने में संक्रमण ले जा रहे हैं, इससे ग्रामीण और कस्बाई इलाके प्रभावित होंगे, ज्यादा स्वास्थ्य व्यवस्थाएं उतनी मुकम्मल नहीं हैं। अगर भारत सरकार ने शुरुआत में संक्रमण विशेषज्ञों की राय ली होती तो हालात पर ज्यादा प्रभावी तरीके से काबू पाया जा सकता था।


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Seema Sharma

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