वायु प्रदूषण से सबसे ज्यादा बच्चों को खतरा, पिछले साल देश में 1.16 लाख नवजातों की मौत: रिपोर्ट

punjabkesari.in Wednesday, Oct 21, 2020 - 10:00 AM (IST)

नेशनल डेस्कः वायु प्रदूषण से दिल्ली-एनसीआर में काफी बुरा हाल है। पंजाब और हरियाणा में किसानों द्वारा जलाई जा रही पराली के कारण दिल्ली की हवा पिछले कई दिनों से जहरीली हो गई है। इसी बीच एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक वायु प्रदूषण का सबसे ज्यादा कीमत नवजात शिशुओं को चुकानी पड़ रही है। अध्ययन में दावा किया गया है कि पिछले साल देश में 1.16 लाख नवजात शिशुओं की वायु प्रदूषण के चलते मौत हुई थी। हालांकि बीते 10 सालों में घरेलू प्रदूषण के संपर्क में आने वालों की संख्या में पांच करोड़ की कमी आई है। इसकी मुख्य वजह स्वच्छ ईंधन का विस्तार होना है।

 

मंगलवार को जारी स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर-2020 (State of global air-2020) रिपोर्ट के मुताबिक इन मौतों के लिए घरेलू एवं बाह्य दो किस्म का प्रदूषण जिम्मेदार है। एक, घर के बाहर हवा में पीएम 2.5 की ज्यादा मात्रा होना और दूसरे, घर में भोजन के लिए ठोस ईंधन का इस्तेमाल करना है। अध्ययन अमेरिका के हेल्थ इफेक्ट इंस्टीट्यूट द्वारा किया गया है जिसमें वायु प्रदूषण को नवजात शिशुओं की मृत्यु का सबसे बड़ा कारण माना गया है। रिपोर्ट के मुताबिक देश में हर साल 16.70 लाख शिशुओं की मौतें होती हैं और इसमें वायु प्रदूषण सबसे बड़ा कारण है।

 

रिपोर्ट के अनुसार भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान और नेपाल समेत दक्षिण एशियाई देश वर्ष 2019 में पीएम 2.5 के उच्चतम स्तर के मामले में शीर्ष 10 में रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक नवजात शिशुओं का पहला महीना उनकी जिंदगी का सबसे जोखिम भरा होता है, लेकिन ICMR के अध्ययनों समेत विभिन्न देशों से प्राप्त वैज्ञानिक प्रमाण में यह संकेत मिले हैं कि गर्भावस्था के दौरान वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से बच्चे का वजन कम होता है। वहीं प्रदूषण से प्री मैच्योर के मामले भी बढ़ रहे हैं। वजन कम और प्री मैच्योर दोनों ही शिशुओ की मौत से जुड़ा है।


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Seema Sharma

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