पलवल में राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित करने के लिए भूमि प्रस्ताव प्राप्त

punjabkesari.in Monday, Aug 08, 2022 - 07:25 PM (IST)

चंडीगढ़, 8 अगस्त -(अर्चना सेठी ) हरियाणा के चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री  अनिल विज ने बताया कि जिला पलवल में राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित करने के लिए एचएसवीपी और पंचायतों से कुछ भूमि प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं जो विभाग के पास विचाराधीन हैं। विज आज यहां हरियाणा विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान एक विधायक द्वारा बजट सत्र 2022-23 के दौरान मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा पलवल में राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित करने के संबंध में की गई घोषणा पर अब तक की गई कार्यवाही बारे पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे।

 

राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, जींद के परिसर में पैरामेडिकल महाविद्यालय खोलने के संबंध पूछे गए एक अन्य प्रश्न के जबाव में उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने 16 जून, 2022 को राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, जींद के परिसर में पैरामेडिकल महाविद्यालय खोलने की स्वीकृति प्रदान की है। उन्होंने बताया कि इसके लिए निर्माणाधीन चिकित्सा महाविद्यालय में भूमि की कमी के कारण उपायुक्त जींद को पत्र लिखकर आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए उपयुक्त भूमि की पहचान करने के लिए कहा गया है। उपायुक्त जींद ऐसी जमीन की पहचान करने की प्रक्रिया में है।

 

सफीदों में एक राजकीय पैरामेडिकल महाविद्यालय खोलने के संबंध में  विज ने बताया कि विभाग द्वारा मामले की जांच की गई थी, जिसमें पाया गया कि मौजूदा नीति के अनुसार, सफीदों में एक राजकीय पैरामेडिकल महाविद्यालय खोलना संभव नहीं है क्योंकि संस्थान के पास 10-15 किलो मीटर के दायरे के भीतर न्यूनतम 300 बिस्तरों वाला अस्पताल होना चाहिए।

 

एक अन्य प्रश्न के जबाव में चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री  अनिल विज ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा 29 मई, 2022 को जिला यमुनानगर के ग्राम पंजूपुर में श्री गुरू तेग बहादुर साहिब राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को मंजूरी दी गई है।
उन्होंने बताया कि ब्रिज एंड रूफ कंपनी (आई) लिमिटेड को परियोजना के लिए कार्यकारी एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि 21 सितंबर, 2021 को चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग और कार्यकारी एजेंसी के बीच समझौता ज्ञापन (एमओए) निष्पादित किया गया था। एमओए के अनुसार डीपीआर की मंजूरी की तिथि से 30 महीनों में काम पूरा होने की संभावना है।


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News Editor

Archna Sethi

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