आखिरी वक्त तक गुप्त रखा गया था पीएम मोदी का लेह दौरा, अजित डोभाल का था अहम रोल

punjabkesari.in Saturday, Jul 04, 2020 - 11:22 AM (IST)

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में भारतीय एवं चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के कुछ ही दिनों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अचानक लेह पहुंचे। यहां उन्होंने थलसेना, वायुसेना और आईटीबीपी के जवानों से बातचीत की। पीएम मोदी के लेह दौरे पर जाने की खबर सुनकर चीन से लेकर पाकिस्तान तक दंग रह गया।  पीएम मोदी का यह दौरा इतना गुप्त था कि बड़े बड़े अधिकारियों तक की इसकी भनक नहीं थी।

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मोदी का पहला पड़ाव लेह के बाहर निमू में था। उन्हें उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी की उपस्थिति में कॉप्र्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने स्थिति की जानकारी दी। प्रधानमंत्री की लेह यात्रा को तब तक गुप्त रखा गया जब तक कि वे हवाई अड्डे पर नहीं पहुंच गए। इस पूरे दौरे का समन्वय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, सीडीएस रावत और सेनाध्यक्ष नरवणे ने किया। डोभाल की रणनीतिक का ही परिणाम था कि इस दौरे के बारे में कुछ अधिकारियों को छोड़कर किसी को भनक तक नहीं लग पाई। डोवाल ने इस पूरे दौरे एक लिए विशेष रणनीति बनाई थी। डोभाल जो दो हफ्ते के आइसोलेशन से बाहर आए हैं, उन्होंने दिल्ली में ही रहने का फैसला किया।  लद्दाख क्षेत्र में प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी ने न केवल इस बात का संकेत दिया है कि भारत अपने क्षेत्र की एक इंच जमीन भी नहीं देगा बल्कि स्थानीय लोगों को भी आश्वस्त किया है। 

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सूत्रों ने बताया कि मोदी प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत के साथ सुबह करीब साढ़े नौ बजे लेह पहुंचे। वहां उन्होंने थलसेना, वायुसेना एवं आईटीबीपी के कर्मियों से बातचीत की। सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को सीमा की स्थिति से अवगत कराया। सिंधु नदी के तट पर 11,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित निमू सबसे दुर्गम स्थानों में से एक है। यह जंस्कार पर्वत श्रृंखला से घिरा हुआ है। मोदी ने रविवार को आकाशवाणी पर मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए देश को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत ने लद्दाख में अपनी भूमि पर आंख उठाकर देखने वालों को करारा जवाब दिया था। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत मित्रता की भावना का सम्मान करता है लेकिन यदि कोई उसकी भूमि पर आंख उठाकर देखता है तो वह इसका उचित जवाब देने में भी सक्षम है। गलवान घाटी में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए 20 जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि भारत के वीर सपूतों ने दिखा दिया कि वे कभी भी मां भारती के गौरव को आंच नहीं आने देंगे। प्रधानमंत्री का यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेना के बीच गतिरोध जारी है। 


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Edited By

Anil dev

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