कुमारस्वामी का आरोप, हिंदी राजनीति के चलते दक्षिण के नेता नहीं बन पाते प्रधानमंत्री

punjabkesari.in Tuesday, Aug 11, 2020 - 07:05 PM (IST)

नेशनल डेस्कः हिंदी भाषा को लेकर एक बार फिर से विवाद शुरू हो गया है। जनता दल सेकुलर के नेता एचडी कुमारस्वामी ने दक्षिण के नेताओं को ‘हिंदी राजनीति और भेदभाव’ के चलते मौका नहीं मिलने का आरोप लगाया है। उन्होंने सोमवार को कहा कि इन बातों ने कई दक्षिण भारतीयों को प्रधानमंत्री बनने से रोका है।

हिंदी नहीं जानने के कारण द्रमुक सांसद कनिमोई से सीआईएसएफ अधिकारियों द्वारा कथित रूप से ‘ क्या आप भारतीय हैं’ जैसा सवाल करने पर क्षोभ प्रकट करते हुए कर्नाटक के पूर्व सीएम ने सत्तारूढ़ वर्ग पर दक्षिण का ‘तिरस्कार करने’ और उसकी ‘अनदेखी’ करने का आरोप लगाया। अपने ट्वीटों में उन्होंने कन्नड़ों को कई सरकारी और सार्वजनिक उपक्रमों की नौकरियों में मौकों से कथित रूप से वंचित रखने को लेकर भी चिंता प्रकट की और कहा कि व्यक्ति को या तो अंग्रेजी में या हिंदी परीक्षा देनी पड़ती है।

कुमारस्वामी ने लिखा, ‘द्रमुक सांसद कनिमोई से सवाल किया गया ‘क्या आप भारतीय हैं?’ मैं बहन कनिमोई का किए गए अपमान पर अपनी आवाज उठाता हूं।’ उन्होंने लिखा, ‘अब यह बहस करना बिल्कुल उपयुक्त है कि कैसे दक्षिण के नेताओं से हिंदी-राजनीति और भेदभाव के चलते मौके छीन लिए गए।’

बता दें कि द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की सांसद कनिमोई ने रविवार को आरोप लगाया था कि चेन्नई हवाईअड्डे पर जब वह हिंदी में नहीं बोल सकी, तब सीआईएसएफ की एक अधिकारी ने उनसे पूछा कि ‘क्या वह भारतीय हैं।’ इस पर, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने मामले की जांच का आदेश दिया।

कुमारस्वामी ने कहा कि हिंदी की राजनीति ने कई दक्षिण भारतीयों को प्रधानमंत्री बनने से रोका है और एच डी देवेगौड़ा, करूणानिधि एवं कामराज उनमें प्रमुख है। उन्होंने कहा कि वैसे तो उनके पिता (देवेगौड़ा) इस बाधा को तोड़ने में सफल रहे लेकिन भाषा के कारण उनकी आलोचना किए जाने और उनका उपहास उड़ाये जाने की कई घटनाएं सामने आईं।


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Yaspal

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