कोरोना पर भारी पड़ी कृष्ण भक्ति, वृंदावन से लेकर द्वारिकाधीश तक दिखी जन्माष्टमी की धूम

punjabkesari.in Thursday, Aug 13, 2020 - 09:45 AM (IST)

नेशनल डेस्कः कोरोना पाबंदियों के बीच जन्माष्टमी का पर्व मनाया गया। हालांकि इस महामारी के कारण इस साल यह पर्व प्रभावित हुआ है और मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को नहीं मिली। इस बार दही-हांडी उत्सवों का आयोजन भी नहीं किया गया। मंदिरों में तड़के से ही पुजारियों ने शंखों को बजाते हुए पूजा शुरू कर दी थी।

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कोरोना वायरस के कारण पाबंदियों की वजह से इस बार ‘कृष्णलीला' और कोई अन्य विशेष धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया गया। हालांकि कुछ मंदिरों में अनुष्ठान ऑनलाइन किए गए। लोगों ने घरों में ही वृंदावन और द्वारिकाधीश के लाइव दर्शन किए और कृष्ण जन्मोत्सव मनाया।

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श्रद्धालुओं के बिना सूनी रहीं मथुरा-वृन्दावन की सड़कें
वृन्दावन के तीन मंदिरों में बुधवार की सुबह ठाकुरजी का अभिषेक कर खुशियां मनाई गईं। इस बार कोरोना जैसी महामारी से बचाव के लिए जिला प्रशासन एवं मंदिरों की प्रबंध कमेटियों, संचालकों एवं प्रबंधकों ने आपस में मिल-बैठकर तय किया था कि मंदिरों में 10 अगस्त से 13 अगस्त की सायंकाल तक किसी को भी दर्शन के लिए प्रवेश नहीं दिया जाए।

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इस मौके पर मंदिरों को विशेष तौर पर सजाया गया था लेकिन मंदिरों की जगमगाती रौशनियां उनके दर्शनार्थियों के अभाव में कुछ फीकी-फीकी सी ही नजर आई। ब्रज के घर-घर में श्रद्धालुओं ने व्रत रखकर ठाकुर जी 5248वां जन्मदिवस मनाया।

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श्री कृष्ण जन्मस्थान के बाहर बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु
मथुरा में श्री कृष्ण जन्मस्थान के बाहर बुधवार रात बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और भगवान कृष्ण के भजन गाकर अपनी आस्था को व्यक्त किया। वृंदावन राधा रमण मंदिर के बाहर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आए। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं के बीच सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए लगभग एक घंटे तक चरणामृत वितरित किया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने मास्क पहनने हुए थे। वहीं गुजरात के द्वारिकाधीश में भी श्रद्धालुओं के बिना ही जन्माष्टमी मनाई गई। लोगों ने घरों में बैठकर ही द्वारिकाधीश के दर्शन किए और अभिषेक देखा।

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Seema Sharma

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