केरल के व्यक्ति ने अफगानिस्तान की जेल में बंद बेटी के प्रत्यर्पण के लिए याचिका दाखिल की

punjabkesari.in Monday, Aug 02, 2021 - 09:23 PM (IST)

नई दिल्लीः केरल के एक व्यक्ति ने उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया है कि वह अफगानिस्तान की पुल-ए-चरखी जेल में बंद अपनी बेटी और नाबालिग नवासी के प्रत्यर्पण व वापसी के लिये केन्द्र सरकार को निर्देश जारी करे। केरल के एर्णाकुलम जिले के निवासी वी जे सेबेस्टिन फ्रांसिस ने याचिका में कहा कि उनकी बेटी के खिलाफ यहां एनआईए ने गैर-कानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम और अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज कर रखा है। 

फ्रांसिस ने कहा कि आरोप है कि उनके दामाद ने बेटी और अन्य आरोपियों के साथ एशियाई देशों के खिलाफ युद्ध छेड़ने में एक आतंकवादी संगठन को प्रचारित करने की साजिश रची थी। याचिका में कहा गया है, ''इस योजना के अलावा, अफगानिस्तान में इस्लामी संगठन में शामिल होने के इरादे से पहली बंदी (बेटी) और दूसरी बंदी (नवासी) 30 जुलाई, 2016 को भारत से भाग गईं। इंटरपोल ने बंदी संख्या एक के नाम पर 22 मार्च 2017 को रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया था।”

फ्रांसिस ने कहा कि अफगानिस्तान पहुंचने के बाद उनके दामाद युद्ध में शामिल हुए और मारे गए। युद्ध में सक्रिय रूप से शामिल नहीं रही बेटी और नवासी को 15 नवंबर, 2019 को कई अन्य महिलाओं के साथ अफगान सेना के सामने आत्मसमर्पण करना पड़ा।

उन्होंने कहा कि एक समाचार पोर्टल को दिए साक्षात्कार के दौरान उनकी बेटी ने आईएसआईएस में शामिल होने के अपने फैसले पर पछतावा जाहिर किया था और वह भारत वापस लौटकर यहां की अदालतों में निष्पक्ष सुनवाई का सामना करना चाहती थी। उन्होंने कहा कि भारत ने 2016 में अफगानिस्तान के साथ एक प्रत्यर्पण संधि की थी, लेकिन उसकी बेटी और पोती के प्रत्यर्पण के अनुरोध के लिए कोई कदम नहीं उठाया है, जो दूसरे देश में फंस गए हैं।

याचिका में कहा गया है, ''अफगानिस्तान में आईएसआईएस की हार के बाद से ... यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अमेरिकी सेना की वापसी के बाद तालिबान और इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान के बीच युद्ध छिड़ सकता है, जिसमें उनकी बेटी जैसे विदेशी आतंकवादी लड़ाकों को मौत की सजा दी जाएगी।''  याचिका में केंद्र को अफगानिस्तान में अपने कांसुलर / राजनयिक कार्यालय के माध्यम से बंदियों को राजनयिक सुरक्षा / कांसुलर सहायता प्रदान करने के लिए कदम उठाने के लिए निर्देश देने की अपील की गई है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Pardeep

Recommended News

Related News