PM Modi की इस योजना पर केजरीवाल का 6 साल तक विरोध, आतिशी ने बदला रुख! जानें क्या है नई वजह
punjabkesari.in Saturday, Nov 30, 2024 - 10:25 AM (IST)
नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार की प्रमुख स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत पर दिल्ली में राजनीति का पारा लगातार गर्म रहा है, खासकर जब से इस योजना का विरोध दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले छह वर्षों तक किया। लेकिन अब दिल्ली सरकार की वर्त्तमान मुख्यमंत्री आतिशी ने इस योजना को लेकर अपना रुख नरम किया है और राज्य की मौजूदा स्वास्थ्य योजना के साथ इसे जोड़ने पर गंभीरता से विचार कर रही हैं।
6 साल तक आयुष्मान भारत योजना का विरोध
आयुष्मान भारत योजना को केंद्र सरकार ने 2018 में शुरू किया था, जिसका उद्देश्य भारत के गरीब और वंचित वर्गों को मुफ्त चिकित्सा बीमा देने का था। इस योजना के तहत 10 करोड़ परिवारों को स्वास्थ्य सेवा में मदद मिलने का प्रावधान है। हालांकि, दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस योजना के खिलाफ बने रहे और उन्होंने इसे राज्य की मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं के खिलाफ मानते हुए इसे लागू करने में रुचि नहीं दिखाई। केजरीवाल ने बार-बार यह आरोप लगाया था कि इस योजना के तहत सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के निजीकरण की दिशा में जा रही है और दिल्ली के लोगों को इस योजना के तहत लाभ नहीं मिलेगा। हालांकि, अब उनकी पार्टी और मुख्यमंत्री आतिशी की अगुवाई में दिल्ली सरकार के रुख में बदलाव आया है।
बैठक में सामने आया नया आंकड़ा, खर्च में होगी कमी
कुछ हफ्ते पहले, मुख्यमंत्री आतिशी ने स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की थी। इस बैठक में आंकड़ों के आधार पर यह सामने आया कि अगर दिल्ली सरकार आयुष्मान भारत योजना को अपनाती है, तो राज्य को अपनी मौजूदा स्वास्थ्य योजनाओं के मुकाबले अधिक बचत हो सकती है। विशेष रूप से, दिल्ली सरकार की मुफ्त स्वास्थ्य योजना में भारी खर्च हो रहा है, जबकि आयुष्मान भारत योजना से राज्य को कम खर्च में अधिक लाभ मिल सकता है।
सरकार की मौजूदा योजना और आयुष्मान भारत का संतुलन
आतिशी ने बैठक के बाद यह भी साफ किया कि अगर दिल्ली सरकार आयुष्मान भारत योजना को लागू करती है, तो यह राज्य की मौजूदा सार्वभौमिक मुफ्त स्वास्थ्य सेवा योजना को प्रभावित नहीं करेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि केंद्र की इस योजना को लागू करने का तरीका खोजा जाए, ताकि राज्य की मौजूदा योजना को भी नुकसान न पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक, इस बदलाव के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण यह भी है कि हाल ही में आयुष्मान भारत योजना के तहत **70 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों** को सार्वभौमिक कवरेज प्रदान किया गया है। इससे दिल्ली सरकार की योजना से मिलने वाले लाभ का दायरा और बढ़ गया है, जिससे योजना को अपनाने की दिशा में नए विचार उत्पन्न हो रहे हैं।
सरकारी योजना में सुधार की आवश्यकता
स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले एक साल से आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन से संबंधित फाइलें मंत्री को भेजी जा रही थीं, लेकिन इन पर कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। हालांकि, हाल ही में हुई बैठक में स्वास्थ्य विभाग ने अपनी मौजूदा योजनाओं के खर्च को लेकर पिछले दो वर्षों का विस्तृत डेटा प्रस्तुत किया। अधिकारी ने उदाहरण देते हुए बताया, “राज्य सरकार की मौजूदा योजना के तहत करीब 7,000 रोगियों ने मुफ्त सर्जरी करवायी, लेकिन उनमें से केवल एक रोगी का बिल 5 लाख रुपये से अधिक था। अगर आयुष्मान भारत योजना को लागू किया जाता, तो अधिकतर रोगी इस योजना के तहत आते और सरकारी खर्च में काफी कमी आती।” इसके बाद मुख्यमंत्री आतिशी ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया कि वे इस योजना को राज्य की मौजूदा योजनाओं के साथ जोड़ने का तरीका खोजें।
राजस्थान और छत्तीसगढ़ मॉडल से सीख
दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने आयुष्मान भारत योजना को लागू करने के लिए राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मॉडल का अध्ययन किया था। दोनों राज्यों में कांग्रेस की सरकारें थीं और वहां इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए कदम उठाए गए थे। अधिकारियों का मानना है कि आयुष्मान भारत योजना को लागू करने से सरकारी खर्च में बचत हो सकती है, जिसे बुनियादी ढांचे के विकास पर खर्च किया जा सकता है। “अगर आयुष्मान भारत योजना को लागू किया जाता है, तो इससे सरकार को लगभग 2,400 करोड़ रुपये की बचत हो सकती है, जिसे वह स्वास्थ्य सेवा के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश कर सकती है। वर्तमान में इस तरह की बचत के लिए राज्य के पास बजट नहीं है,” एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया।
आयुष्मान भारत योजना का प्रभाव
आयुष्मान भारत योजना का क्रियान्वयन यदि दिल्ली में होता है, तो यह लाखों लोगों को मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ सरकारी खर्चों में भी कमी करेगा। इस योजना से खासकर गरीब और मध्यवर्गीय परिवारों को फायदा होगा, जो उच्च चिकित्सा खर्चों का सामना करने में सक्षम नहीं हैं। दिल्ली सरकार की नई स्वास्थ्य नीति में आयुष्मान भारत को अपनाने की चर्चा से यह संकेत मिलता है कि पार्टी अपने पुराने रुख को बदलते हुए इस योजना को एक अवसर के रूप में देख रही है, जो राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को सुदृढ़ करने में सहायक हो सकता है।