ऑफ द रिकॉर्डः पहले जो खेल कांग्रेस से खेला था, अब उसमें ‘भाजपा को फांसने लगे के.सी.आर.’

punjabkesari.in Thursday, Dec 17, 2020 - 05:41 AM (IST)

नई दिल्लीः हैदराबाद म्यूनिसिपल चुनावों में करारी हार के बाद तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने अपना पुराना खेल फिर शुरू कर दिया है। वह भाजपा को यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि वह कभी भी उसके खिलाफ नहीं थे बल्कि उनकी असली लड़ाई तो कांग्रेस से है। 2014 में के.सी.आर. कांग्रेस को यह समझाने में कामयाब रहे थे कि यदि आंध्र प्रदेश को बांटकर अलग तेलंगाना राज्य बनाने की उनकी मांग पूरी कर दी जाती है तो वह अपनी तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (टी.आर.एस.) का कांग्रेस में विलय कर देंगे। 

2014 के आम चुनाव से पहले यू.पी.ए. सरकार आंध्र को बांटने के लिए सहमत हो गई थी परंतु वास्तव में उन्होंने क्या किया? के.सी.आर. ने विलय से इंकार करके कांग्रेस को ही खत्म करना शुरू कर दिया। उन्होंने न केवल तेलंगाना राज्य बनवाने का श्रेय स्वयं ले लिया बल्कि राज्य में कांग्रेस को पूरी तरह नष्ट कर दिया। अब वह यही प्रधानमंत्री और भाजपा के साथ भी करना चाहते हैं। नगर निगम के चुनाव में भाजपा के अप्रत्याशित प्रदर्शन ने के.सी.आर. को घुटनों पर ला दिया है। वह पिछले सप्ताह दिल्ली के दौरे पर आए थे और इस दौरान वह भाजपा के शीर्ष नेताओं से मिले। 

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित करते हुए उनका एक फोटो भी सामने आया है। अमित शाह वही हैं जिन्होंने चुनावों में भाजपा को टी.आर.एस. का प्रमुख प्रतिद्वंद्वी बनाने के लिए के.सी.आर. पर जोरदार हमला बोला था। शाह से मिलने के बाद के.सी.आर. प्रधानमंत्री से भी मिले। जानकार मानते हैं कि भाजपा जल्द ही कांग्रेस को पछाड़कर तेलंगाना में टी.आर.एस. की मुख्य विरोधी बनकर उभरेगी। ऐसे में के.सी.आर. अपने पुराने खेल से भाजपा को धराशायी करना चाहते हैं परंतु भाजपा ने भी कच्ची गोलियां नहीं खेली हैं।   


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Pardeep

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