कर्नाटक में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार, मठों को भी देना पड़ता है 30% कमीशन...बोम्मई सरकार की मुश्किलें बढ़ीं

punjabkesari.in Tuesday, Apr 19, 2022 - 03:00 PM (IST)

नेशनल डेस्क: लिंगायत समुदाय के एक संत ने सोमवार को आरोप लगाया कि राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार से मठ भी प्रभावित हैं और वे भी स्वीकृत अनुदान प्राप्त करने के लिए 30 प्रतिशत कमीशन देते हैं। इस पर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि उनकी सरकार संत के आरोपों को "बहुत गंभीरता से" ले रही है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को कहा कि यदि डिंगलेश्वर स्वामीजी सरकारी अनुदान प्राप्त करने के लिए कमीशन देने का विवरण उपलब्ध कराते है तो इसकी गहराई से जांच कराई जाएगी।

 

बोम्मई ने पत्रकारों से कहा, ‘‘डिंगलेश्वर स्वामी जी एक परम पूजनीय धर्मगुरु हैं, एक महात्मा हैं, यह पर्याप्त नहीं है कि एक मठ के प्रमुख एक बयान जारी किया हैं। यदि वह विवरण उपलब्ध करा सकते हैं कि किसने कमीशन की मांग की, किसको भुगतान किया गया, कितना भुगतान किया गया और सभी संबंधित ब्यौरे के बाद मैं पूरी जांच सुनिश्चित करूंगा।

 

कर्नाटक सरकार की मुश्किलें बढ़ीं
यह आरोप ऐसे समय आया है जब 12 अप्रैल को उडुपी के एक होटल में एक ठेकेदार द्वारा कथित तौर पर आत्महत्या किए जाने के बाद भाजपा के नेता के एस ईश्वरप्पा ने शनिवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। बेलगावी के रहने वाले ठेकेदार संतोष पाटिल मंगलवार को उडुपी के एक होटल में मृत मिले थे। उन्होंने कुछ हफ्ते पहले ईश्वरप्पा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। पाटिल ने कथित Whatsapp मैसेज में ईश्वरप्पा को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने पिछले महीने शिकायत की थी कि उन्हें हिंडल्गा गांव में 2021 में किए गए सड़क संबंधी कार्य के लिए चार करोड़ रुपए का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है।

 

उन्होंने ईश्वरप्पा के सहायकों पर भुगतान के लिए 40 प्रतिशत कमीशन मांगने का आरोप लगाया था। शिरहट्टी तालुक के बालेहोसुर मठ के डिंगलेश्वर स्वामीजी ने बागलकोट जिले के बड़गंडी गांव में आयोजित एक रैली के दौरान कहा, ‘‘यदि किसी स्वामी (संत) के लिए अनुदान स्वीकृत किया जाता है, तो यह 30 प्रतिशत कटौती के बाद मठ में पहुंच पाता है। यह सीधा सच है। अधिकारी आपको स्पष्ट रूप से बताते हैं कि जब तक राशि नहीं काटी जाएगी, तब तक आपकी परियोजना शुरू नहीं होगी।'' संत ने आरोप लगाया कि राज्य में कोई भी सरकारी काम ठीक से नहीं हो रहा है।

 

स्वामीजी ने दावा किया, "30 प्रतिशत कमीशन देने संबंधी दयनीय स्थिति है। 30 प्रतिशत भुगतान के बाद ही काम शुरू होता है। कई ठेकेदारों ने अपना काम बंद कर दिया है। केवल बातचीत हो रही है लेकिन कोई विकास नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा, "उत्तरी कर्नाटक के साथ बड़ा अन्याय हो रहा है। उत्तरी कर्नाटक में कोई व्यवस्था नहीं है। सड़कें, बस सेवाएं, शिक्षा, स्कूल खराब स्थिति में हैं। यहां शिक्षकों की कमी है। सिंचाई कार्य की स्थिति दयनीय हैं। संत के आरोप से विपक्षी कांग्रेस को सत्ताधारी भाजपा को निशाना बनाने का मौका मिल गया। पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि यह शर्म की बात है कि भाजपा, जो खुद को धर्म का रक्षक कहती है, मठों और मंदिरों के लिए स्वीकृत अनुदान में 30 प्रतिशत कमीशन खा रही है।


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Content Writer

Seema Sharma

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