Kanwar Yatra: गाजियाबाद-मेरठ में 27 जुलाई तक बंद रहेगा RRTS परियोजना का काम, कांवड़ यात्रा के चलते लिया गया फैसला

punjabkesari.in Sunday, Jul 24, 2022 - 12:03 PM (IST)

नेशनल डेस्क: गाजियाबाद और मेरठ के बीच दिल्ली-मेरठ रोड पर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम  (RRTS) परियोजना के लिए बड़े सिविल निर्माण कार्य को रोक दिया गया है। RRTS परियोजना को क्रियान्वित करने वाली एजेंसी एनसीआर ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (NCRTC) के अधिकारियों ने कहा कि एक हफ्ते के लिए काम को रोका गया और 27 जुलाई को खत्म होने वाली कांवड़ यात्रा के बाद से फिर से काम शुरू किया जाएगा।

 

अधिकारियों ने कहा कि शिवभक्तों को किसी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए यह फैसला लिया गया है। NCRTC ने पहले ही परियोजना के लिए बनाए जा रहे ओवरग्राउंड पिलर के आसपास के इलाकों को बैरिकेडिंग कर दिया है। आधिकारिक अनुमानों के अनुसार, वर्तमान में 44 किमी पर खंभों और लगभग 27 किमी पर वायडक्ट का निर्माण पूरा हो चुका है।

 

बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ को जोड़ने के लिए हाईस्पीड रेल कॉरिडोर का काम जारी है। देश की इस पहली रीजनल रेल के जरिए दिल्ली से मेरठ के सफर को तेज रफ्तार और सुगम बनाने का प्रयास चल रहा है। दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस (Regional Rapid Transit System) को शुरू होने में अभी समय है और इसके लिए तैयारियां चल रही हैं। 

 

RRTS परियोजना की खासियत

  • दिल्ली-मेरठ हाईस्पीड रेल कॉरिडोर का यह ट्रैक 82.15 किमी लंबा है। यह रेल कॉरिडोर होगा जो दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ को जोड़ेगा।
  • यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से ईको फ्रेंडली होगा और इसके तहत 82 किलोमीटर का सफर सिर्फ एक घंटे में पूरा किया जा सकेगा।
  • 82 किमी लंबे रूट पर जमीन के ऊपर और नीचे, दोनों में ट्रेन चलेगी. एलिवेटेड रूट 68.03 किलोमीटर का होगा, वहीं अंडरग्राउंड रूट 14.12 किलोमीटर का रहेगा. घनी आबादी वाले मेरठ और दिल्ली में रूट अंडरग्राउंड रहेंगे, इसके लिए दो डिपो होंगे- दुहाई और मोदीपुरम।
  • अत्याधुनिक ट्रेन जिसमें सफर करना सुरक्षित और आरामदायक होगा। ट्रेन के कोच के भीतर मोबाइल/लैपटॉप चार्जिंग, सीसीटीवी कैमरा जैसी सभी सुविधाएं होंगी। यात्रियों को सामान रखने के लिए एक्स्ट्रा स्पेस मिलेगा।
  • दिल्ली-मेरठ RRTS के निर्माण से कई एजेंसियां जुड़ी हैं. इस प्रोजेक्ट के लिए एडीबी ने 1 बिलियन डॉलर, एनडीबी और AIIB ने 500 मिलियन डॉलर की फंडिंग की है। वहीं प्रोजेक्ट के लिए भारत सरकार ने 20 प्रतिशत राशि दी है, जबकि दिल्ली सरकार ने 3.22% और यूपी सरकार ने 16.78 प्रतिशत राशि का सहयोग किया है।

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Content Writer

Seema Sharma

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