CM जगनमोहन रेड्डी के पत्र के बाद बोले जस्टिस रमना- जजों को बाधाओं का सामना करना आता है

punjabkesari.in Sunday, Oct 18, 2020 - 09:17 AM (IST)

नेशनल डेस्क: सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज और अगले मुख्य न्यायाधीश बनने वाले जस्टिस एन वी रमना  इस समय आंध्र प्रदेश सरकार के प्रशासनिक कामकाज में दखल देने का आरोप झेल रहे हैं। इस बीच उन्होंने कहा कि किसी न्यायाधीश के लिए सभी दबावों और बाधाओं को झेलना और सभी बाधाओं के खिलाफ बहादुरी से खड़ा होना एक महत्वपूर्ण गुण है। 

 

बहादुरी से खड़ा होना एक महत्वपूर्ण गुण
जस्टिस रमना ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस ए आर लक्ष्मणन की शोक सभा में यह बात कही। उन्होंने कहा कि हर किसी में विनम्रता, धैर्य, दया और खुद को लगातार सीखने और सुधारने का उत्साह होना चाहिए। विशेष रूप से एक न्यायाधीश के लिए, किसी को सिद्धांतों को पकड़ने और निर्णयों में निडर होने के लिए दृढ़ होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह एक न्यायाधीश के लिए सभी दबावों और बाधाओं को झेलने और सभी बाधाओं के खिलाफ बहादुरी से खड़े होने के लिए एक महत्वपूर्ण गुण है। 


क्या है पूरा मामला
बता दें कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबड़े को एक चिट्ठी लिखकर सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एनवी रमना की शिकायत की है। जगनमोहन रेड्डी ने पत्र में आरोप लगाया कि जस्टिस रमना आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के काम-काज में दखल दे रहे हैं और सुनवाई को प्रभावित कर रहे हैं. उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि जस्टिस रमना पूर्व मुख्यमंत्री और तेलुगूदेशम पार्टी (टीडीपी) प्रमुख चंद्रबाबू नायडू के करीबी हैं और उनके साथ मिलकर सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं।

 

2017 में नियुक्त हुए थे जज 
जस्टिस नाथुलापति वेकट रमन्ना को 2 फरवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया। 27 जून 2000 में वो आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में स्थायी जज के तौर पर नियुक्त किए गए। इसके बाद साल 2013 में 13 मार्च से लेकर 20 मई तक वो आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ़ जस्टिस रहे। जिस दौरान चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे उस दौरान जस्टिस रमन्ना आंध्र प्रदेश सरकार के एडिशनल एडवोकेट जनरल हुआ करते थे। जस्टिस के कार्यकाल के दो ही साल बचे हैं क्योंकि 26 अगस्त 2022 में वो सेवानिवृत्त होने वाले हैं। फिलहाल वह सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जजों की पंक्ति में मौजूदा सुप्रीम कोर्ट चीफ़ जस्टिस एसए बोबड़े के बाद दूसरे नंबर पर हैं। 
 


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vasudha

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