''मां बनना है, कृपा मेरे पति को पैरोल पर रिहा करें'' जज साहब ने सुनाया ये ऐताहिसक फैसला

punjabkesari.in Saturday, Apr 09, 2022 - 10:43 AM (IST)

नेशनल डेस्क:  राजस्थान में एक महिला की अनोखी डिमांड पर  हाई कोर्ट ने उसके पति को परोल दे दी। दरअसल, इस महिला ने कोर्ट में दलील थी कि वह मां बनना चाहती है और उसका पति जेल में बंद है। ऐसे में कोर्ट ने महिला के अधिकार को देखते हुए उसके पति को परोल पर रिहा कर दिया। 

 
बता दें कि भीलवाड़ा जिले के रबारियों की ढाणी का रहने वाला एक शख्स शादी के कुछ महीनें बाद ही फरवरी 2019 से अजमेर जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। जोधपुर हाईकोर्ट में महिला ने कहा कि उसका पति जेल के सभी नियमों और कानूनों का सख्ती से पालन कर रहा है। वह प्रफेशनल अपराधी भी नहीं हैं, इसलिए उने व्यवहार को देखते हुए और मेरे अधिकार का ध्यान रखते हुए उन्हें 15 दिन की परोल दी जाए।

 
महिला के अधिकारों की दलील सुनते हुए हाई कोर्ट के जज संदीप मेहता व फरजंद अली की खंडपीठ ने इस मामले पर कहा कि वैसे तो संतान उत्पत्ति के लिए परोल से जुड़ा कोई साफ नियम नहीं है लेकिन वंश के संरक्षण के लिए संतान उत्पत्ति जरूरी है। कोर्ट ने ऋग्वेद और वैदिल काल के उदाहरण के साथ संतान उत्पत्ति को एक मौलिक अधिकार बताते हुए कहा कि 'पत्नी की शादीशुदा जिंदगी से संबंधित यौन और भावनात्मक जरूरतों की रक्षा' के लिए 15 दिन की परोल दी जाती है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी कहा कि धार्मिक आधार पर हिंदू संस्कृति में गर्भधान 16 संस्कारों में से एक है, ऐसे में इस आधार पर भी अनुमति दी जा सकती है। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Anu Malhotra

Recommended News

Related News