यादों में जसवंत सिंह: अटल जी के साथ दोस्ती के किस्से थे मशहूर, ‘हनुमान’ कहकर पुकारते थे वाजपेयी

punjabkesari.in Sunday, Sep 27, 2020 - 10:09 AM (IST)

नेशनल डेस्क: पूर्व रक्षा मंत्री जसवंत सिंह का रविवार सुबह निधन हो गया। वह 82 साल के थे और पिछले छह साल से कोमा में थे। भारतीय जनता पार्टी के संस्थापकों में से एक सिंह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ( राजग) सरकार के दौरान विभिन्न मंत्रालयों के कैबिनेट मंत्री रहे। वह अटल सरकार में संकटमोचक की भूमिका में थे जिस कारण वाजपेयी जी उन्हें मजाक में 'हनुमान' कहते थे।

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वाजपेयी जी और जसवंत सिंह की दोस्ती 40 साल से भी पुरानी थी। वह अटल जी के समय में भाजपा की पहली पंक्ति में बैठने वाले नेताओं में से एक थे। जसवंत सिंह 1960 में सेना में मेजर के पद से इस्तीफा देकर राजनीति के मैदान में उतरे थे उन्होंने 1996 से 2004 के दौरान रक्षा, विदेश और वित्त जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों का जिम्मा संभाला। वह 1980 में पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गए। जब 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार आई तो सिंह ने वित्तमंत्री के तौर पर कार्यभार संभाला। हालांकि, उनके 15 दिन वित्तमंत्री रहने के बाद ही वाजपेयी सरकार गिर गई। 

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दो साल बाद 1998 में जब दोबारा वाजपेयी सरकार आई तब उन्हें विदेश मंत्री बनाया गया। 2000 में उन्होंने भारत के रक्षामंत्री का कार्यभार संभाला। साल 2002 में यशवंत सिन्हा के स्थान पर उन्हें वित्तमंत्री बनाया गया और मई 2004 तक उन्होंने वित्तमंत्री के रूप में कार्य किया। एनडीए के 2004 में सत्ता से बाहर होने पर जसवंत सिंह ने 2004 से 2009 तक लीडर ऑफ ओपोजिशन के तौर पर अपनी सेवाएं दीं।

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वर्ष 2014 में भाजपा ने सिंह को राजस्थान के बाड़मेर से लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया था। इसके बाद नाराज सिंह ने पार्टी छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ा मगर हार गए। उसी वर्ष उन्हें सिर में गंभीर चोटें आई, तब से वह कोमा में थे। सिंह ने पहले सेना में रहकर देश सेवा की और बाद में राजनीति का दामन थाम लिया था। वह 1980 से 2014 तक सांसद रहे और इस दौरान उन्होंने संसद के दोनों सदनों का प्रतिनिधित्व किया। उनके पुत्र मानवेंद्र सिंह भी राजनीति में हैं। 


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vasudha

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