ऑफ द रिकॉर्डः 70 सालों में पहली बार संघ परिवार के खास पहुंचे जम्मू-कश्मीर राजभवन
punjabkesari.in Saturday, Aug 08, 2020 - 05:55 AM (IST)
नेशनल डेस्कः जम्मू-कश्मीर में 6 साल के शासन काल दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चौथे नेतृत्वकत्र्ता के रूप में मनोज सिन्हा का चयन किया। सिन्हा की नियुक्ति इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि वे मेहनती व संघ परिवार के खास हैं। इससे पहले स्वतंत्रता के बाद जम्मू- कश्मीर राजभवन पहुंचने वाले 11 प्रतिनिधियों में से कोई भी संघ परिवार का सदस्य नहीं था। वहीं जब 2014 में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो उस समय मनमोहन सिंह सरकार के प्रतिनिधि के रूप में एन.एन.वोहरा राज्यपाल थे।
मोदी कश्मीर को लेकर पिछली सरकारों की नीतियों से छेड़छाड़ नहीं करना चाहते थे, क्योंकि कश्मीर संवेदनशील इलाका है। ऐसे में मोदी ने सर्वप्रथम पाकिस्तान सरकार को लुभाने की कोशिश की। एन.एन. वोहरा के बाद राजनीतिक व्यक्ति सत्यपाल मलिक को राज्यपाल नियुक्त किया जिनके सभी पार्टियों से अच्छे संबंध थे, लेकिन मोदी ने एक साल बाद ही राज्य का केंद्र शासित प्रदेश के रूप में दर्जा बहाल किया और जी.सी. मुर्मू को उपराज्यपाल बहाल किया।
मुर्मू मोदी के सबसे वफादार गुजरात के नौकरशाह के रूप में जाने जाते हैं और जो कि 24 घंटे व सातों दिन तक कार्य के लिए हाजिर रहते थे, लेकिन एक साल बाद मुर्मू को मोदी ने वापस बुलाकर आखिर मनोज सिन्हा को उपराज्यपाल नियुक्त किया। सिन्हा चाय पी रहे थे तो उनका मोबाइल बजा, मोदी लाइन पर थे। इस दौरान बिना कुछ ज्यादा जानकारी दिए सिन्हा को 4 अगस्त की शाम को ऐतिहासिक राम मंदिर भूमि पूजन समारोह से पहले 7 लोक कल्याण मार्ग का दौरा करने को कहा।
वहीं मोदी, सिन्हा के पदभार संभालने के बाद उनसे केंद्र शासित प्रदेश में शांति की उम्मीद करेंगे। सिन्हा को मोदी के खास के रूप में जाना जाता है, उन्होंने वाराणसी लोकसभा क्षेत्र को संभाला है। वह इससे पहले 3 बार लोकसभा सांसद रहे व उत्तरप्रदेश में मुख्यमंत्री बनने से भी चूक गए थे। इसके बाद चर्चा थी कि उनको जे.पी. नड्डा की टीम में शामिल किया जा सकता है या नवम्बर में राज्यसभा भेजा जा सकता है, लेकिन 61 वर्ष की उम्र में उनकी राजनीतिक यात्रा में कुछ और ही लिखा था।