कश्मीर मसले पर इमरान के दावे की खुद उनके मंत्री ने खोली पोल

punjabkesari.in Sunday, Jan 19, 2020 - 04:02 PM (IST)

इस्लामाबादः पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बेशक कश्मीर के मसले पर दुनिया भर में भारत के खिलाफ दुहाई देते रहें लेकिन उनके दावे की पोल खुद उनके मंत्री ही खोलने लगे हैं। इमरान खान के विश्वस्त सहयोगी और प्रभावशाली मंत्री ने शेख रशीद ने शनिवार को कहा कि कश्मीर मसले पर पाक ने कमजोरी प्रदर्शित की है । उन्होंने अपनी ही सरकार के उस दावे का खंडन किया कि इसने इस मसले का अंतरराष्ट्रीयकरण करने में सफलता पाई है। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को भले ही वैश्विक समुदाय के सामने उठा रहा हो लेकिन हकीकत तो यह है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के ज्यादातर देश मानते हैं कि यह द्विपक्षीय मुद्दा है और यह चर्चा के लिए उचित मंच नहीं है।

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रेल मंत्री शेख राशिद ने कहा कि सत्तारूढ़ पीटीआई सरकार कश्मीर के लोगों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए देश में 5 फरवरी तक रैली आयोजित करेगी। राशिद ने संवाददाताओं को बताया, 'मुझे लगता है कि कश्मीर मसले पर अबतक हमने कमजोरी ही दिखाई है। मैंने इस संबंध में कैबिनेट बैठकों में बात की है।' दरसअल, इमरान ने गुरुवार को ट्वीट किया था, 'जम्मू-कश्मीर का विवाद निश्चित तौर पर प्रासंगिक सुरक्षा परिषद प्रस्ताव तथा कश्मीरी आवाम की इच्छा के अनुसार सुलझाया जाना चाहिए । कश्मीरी लोगों का हम लगातार नैतिक, राजनीतिक और राजनयिक समर्थन करते रहेंगे...।'

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हालांकि, खुद इमरान ने जर्मनी के एक न्यूज चैनल को इंटरव्यू में स्वीकारा था कि वैश्विक समुदाय से इस मुद्दे पर कोई साथ नहीं मिल रहा। उधर, शुक्रवार को इमरान ने कश्मीर की स्थिति पर बैठक की अध्यक्षता की थी, इस बैठक में सेना अध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा, आईएसआई के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल फैयाज हमदी, विदेश सचिव सोहैल महमूदी और सेना तथा सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया । बैठक में हर साल 5 फरवरी को कश्मीर के लोगों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए आयोजित कि जाने वाले कश्मीर दिवस की तैयारियों पर चर्चा हुई ।

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उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाए जाने के बाद पाकिस्तान में खलबली मची हुई है और वह इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष उठा रहा, इस तथ्य को जानते हुए भी यह कि भारत का आंतरिक मसला है। वहीं, पाकिस्तान को किसी भी मंच से कोई समर्थन हासिल नहीं हुआ है। भारत पर मानवाधिकार का उल्लंघन करने के आरोप लगाने वाला पाक खुद बलूचिस्तान और देश के अन्य हिस्से में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के लिए आलोचना झेल रहा है।


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Tanuja

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