क्या डेल्टा स्वरूप हमें हरा रहा है? जानिए इस स्वरूप का पता लगाना क्यों है मुश्किल

punjabkesari.in Sunday, Jul 25, 2021 - 04:10 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क:  ​ग्रेटर सिडनी में 26 जून को लॉकडाउन शुरू हुआ और तकरीबन एक महीने बाद न्यू साउथ वेल्स में कोविड-19 के एक दिन में करीब 100 नए मामले दर्ज किए जा रहे हैं।  वायरस को पूर्वी उपनगरों से बाहर भी फैलते हुए देख रहे हैं। इसके बाद यह संक्रमण न्यू साउथ वेल्स से विक्टोरिया तक फैला जिससे दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के बाद वहां भी लॉकडाउन लगाना पड़ा।

 

डेल्टा अब तक पता चले सभी स्वरूपों में सबसे अधिक संक्रामक है। कोरोना वायरस के मूल वुहान स्वरूप की जगह मार्च 2020 तक अधिक संक्रामक डी614जी स्वरूप ने ली और यह स्वरूप विक्टोरिया में दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार था। इसके बाद सितंबर में ब्रिटेन में अल्फा स्वरूप सामने आया तथा यह और अधिक संक्रामक था। अल्फा 2021 की शुरुआत तक दुनियाभर में फैलता दिखा लेकिन फिर डेल्टा स्वरूप आ गया। यह स्वरूप उत्परिवर्ती है जो इसे अल्फा से कहीं अधिक संक्रामक बनाता है और इसे टीकों से मिली प्रतिरक्षा से बचाने में सक्षम बनाता है।

एक अध्ययन में पाया गया कि डेल्टा स्वरूप से अस्पताल, आईसीयू में भर्ती होने और मौत होने का खतरा दोगुना है। इसलिए न्यू साउथ वेल्स की जांच और संपर्क में आए लोगों का पता लगाने की रणनीति डेल्टा के खिलाफ काम नहीं आयी। डेल्टा ने काम और अधिक मुश्किल बना दिया है-

1)हर किसी के लिए पर्याप्त टीकों की कमी में महामारी को नियंत्रित करने के लिए जांच करके सभी नए मामलों का पता लगाना और संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए उन्हें पृथक करने की आवश्यकता है।

2) संपर्क में आए सभी लोगों का पता लगाने और उन्हें निश्चित अवधि तक पृथक करने की आवश्यकता है ताकि संक्रमण और न फैले। सार्स-सीओवी-2 उन लोगों में अधिक संक्रामक है जिनमें बीमारी के लक्षण नहीं है इसलिए संपर्क में आए लोगों का पता लगाए बिना इन लोगों को यह नहीं पता चलेगा कि वे संक्रमित हैं और वे दूसरे लोगों को भी संक्रमित कर सकते हैं। साथ ही संपर्क में आए लोगों का पता लगाना इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि ताकि आपको पता चले कि किस व्यक्ति से उन्हें संक्रमण हुआ।

3) मास्क लगाना आवश्यक है

4) लोगों के बीच संपर्क को कम करने के लिए सामाजिक दूरी का पालन करना आवश्यक है।

एक विस्तृत अध्ययन में पाया गया कि संक्रमित के संपर्क में आने से संक्रमित होने के बीच औसत समय 2020 में छह दिन का था लेकिन डेल्टा स्वरूप के मामले में यह चार दिन है। इससे संपर्क में आए लोगों के संक्रमित होने से पहले उनका पता लगाना मुश्किल हो गया है। तो हर बार संक्रमण फैलने पर लॉकडाउन के अलावा हम क्या कर सकते हैं? सबसे पहले हमें टीका लगवाने की आवश्यकता है। इजराइल जैसे देशों ने अपनी 60 प्रतिशत से अधिक आबादी को पूरी तरह टीका लगा दिया है और वहां डेल्टा स्वरूप से संक्रमण फैल तो रहा है लेकिन लोग अस्पताल में भर्ती होने तथा मरने से बच रहे हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

vasudha

Recommended News

Related News