मणिपुर और राजनीति से दूर हो चुकी इरोम शर्मिला बोली- ''मैं अब राजनीति को समझ चुकी हूं...यह भ्रष्ट है

punjabkesari.in Sunday, Mar 06, 2022 - 11:29 AM (IST)

नेशनल डेस्क: मणिपुर में विधानसभा चुनाव के दोनों चरणों का मतदान पूरा होने के बाद साल 2017 में चुनाव लड़ने वाली नागरिक अधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला ने कहा है कि मैं अब भारत और मणिपुर की राजनीतिक प्रणाली को समझ गई हूं और यह भ्रष्ट है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, शर्मिला ने कहा कि मुझे बुरा लगा...लेकिन इसमें लोगों की गलती नहीं है। इन्हें तो सिर्फ बलि का बकरा बनाया गया है। मैं अब राजनीतिक व्यवस्था को समझती हूं... भारत में, मणिपुर में... यह भ्रष्ट है। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले कुछ लोगों द्वारा उनकी राजनीतिक योजनाओं में पूछने के अलावा अब मुश्किल से ही उन्हें कोई परेशान करता है और अब उन्हें चुनाव आदि जैसे सवालों से चिढ़ होती है।

 

यह पूछे जाने पर कि उनका आफ्स्पा अभियान क्यों काम नहीं आया, शर्मिला कहती हैं कि मणिपुर वास्तव में गरीब है और अभी आजीविका के लिए बाहर पर निर्भर है। इसलिए चुनाव के दौरान इतना भ्रष्टाचार होता है। हालांकि, वह कहती हैं कि आफ्सपा का उनका विरोध बना हुआ है। उन्होंने कहा कि हर कोई इससे छुटकारा पाना चाहता है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि लोग एक हों, एक आवाज हो। आतंकवाद विरोध के नाम पर उन्होंने आफ्स्पा लगाया, लेकिन मणिपुर में कोई आतंकवादी नहीं है।

 

साल 2017 में जब शर्मिला आफ्स्पा के खिलाफ जारी अपनी 16 सालों की भूख हड़ताल खत्म कर चुनाव में उतरी थीं तो सभी की निगाहें उन पर थीं। ऐसा माना जा रहा था कि भले ही तीन सीटों पर उम्मीदवार खड़ी करने वाली उनकी पीपुल्स रिसर्जेंस एंड जस्टिस अलायंस (पीआरजेए) को मौका न मिले लेकिन उन्हें बड़ी जीत मिलेगी। हालांकि, चुनाव में 100 से भी कम वोट पाकर मिली निराशाजनक हार के बाद वह चुपचाप राजनीति और अपना राज्य छोड़कर बेंगलुरु के बाहरी इलाके में जाकर बस गईं। वह और गोवा में जन्मे उनके ब्रिटिश नागरिक पति डेसमंड कॉटिन्हो अब अपनी बेटियों निक्स सखी और 3 वर्षीय ऑटम तारा के साथ खुश हैं।


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Content Writer

Seema Sharma

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