पैगंबर पर विवाद के बीच ईरान के विदेश मंत्री की एस जयशंकर से मुलाकात

punjabkesari.in Wednesday, Jun 08, 2022 - 05:19 PM (IST)

नई दिल्लीः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ईरान के अपने समकक्ष हुसैन आमिर अब्दुल्लाहियन से बुधवार को मुलाकात की तथा द्विपक्षीय संबंधों के विविध आयामों पर चर्चा की। ईरान के विदेश मंत्री की भारत यात्रा ऐसे समय हो रही है, जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो पूर्व पदाधिकारियों की पैगंबर मोहम्मद पर की गई विवादास्पद टिप्पणी को लेकर पश्चिम एशियाई देशों द्वारा आक्रोश व्यक्त किया जा रहा है। विदेश मंत्री जयशंकर ने मुलाकात की तस्वीर के साथ ट्वीट किया, ‘‘नयी दिल्ली में ईरान के विदेश मंत्री आमिर अब्दुल्लाहियन का स्वागत। आज हमारी चर्चा में हमारे करीबी एवं मित्रतापूर्ण संबंध प्रदर्शित होंगे। ''

ईरान के विदेश मंत्री अब्दुल्लाहियन द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ करने के उद्देश्य से भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। इस यात्रा का मकसद द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के साथ अफगानिस्तान सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करना है। भाजपा के दो पूर्व पदाधिकारियों की पैगंबर मोहम्मद पर की गई विवादास्पद टिप्पणी के मामले में अरब देशों की तीखी प्रतिक्रिया के बाद, इस्लामिक सहयोग संगठन के किसी सदस्य देश के वरिष्ठ मंत्री की यह पहली भारत यात्रा है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, अब्दुल्लाहियन नयी दिल्ली में बैठकों के बाद मुंबई और हैदराबाद की भी यात्रा करेंगे।

मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि ईरान के विदेश मंत्री की भारत यात्रा से दोनों देशों के बीच गहरे ऐतिहासिक संबंधों एवं गठजोड़ को और मजबूत बनाया जा सकेगा। अब्दुल्लाहियन की भारत यात्रा ऐसे समय हुई है जब पैगम्बर मोहम्मद के खिलाफ भाजपा के दो पूर्व नेताओं के विवादित बयान को लेकर कुवैत, कतर के साथ ईरान ने भारतीय राजदूत को तलब कर विरोध दर्ज कराया था। इसके अलावा सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, जार्डन, मालदीव, मलेशिया, ओमान, इराक, लीबिया जैसे देशों ने इन टिप्पणियों को खारिज किया था।

भारत ने इस मुद्दे पर इस्लामिक देशों के संगठन (ओआईसी) की टिप्पणियों को सिरे से खारिज कर दिया था। खाड़ी क्षेत्र में ईरान, भारत के लिये एक महत्वपूर्ण देश है। दोनों पक्षों ने दक्षिण पूर्व एशिया और पश्चिम एशिया में सम्पर्क बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया। पिछले वर्ष ताशकंद में सम्पर्क सम्मेलन में विदेश मंत्री जयशंकर ने चाबहार बंदरगाह को अफगानिस्तान सहित क्षेत्रीय पारगमन के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में पेश किया था। वहीं, पिछले वर्ष अगस्त में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद भारत लगातार ईरान के सम्पर्क में है।

 


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Content Writer

Yaspal

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