WHO ने कहा- कोरोना का इंडियन वैरिएंट काफी खतरनाक, तेजी से फैलता है यह

punjabkesari.in Wednesday, May 12, 2021 - 04:30 PM (IST)

नेशनल डेस्क: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि भारत में पिछले साल पहली बार सामने आया कोरोना वायरस का बी.1.617 स्वरूप 44 देशों में पाया गया है और यह ‘स्वरूप चिंताजनक' है। संयुक्त राष्ट्र की यह संस्था आए दिन इसका आकलन करती है क्या SARS COV-2 के स्वरूपों में संक्रमण फैलाने और गंभीरता के लिहाज से बदलाव आए हैं या राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकारियों द्वारा लागू जन स्वास्थ्य और सामाजिक कदमों में बदलाव की आवश्यकता है। WHO ने मंगलवार को प्रकाशित साप्ताहिक महामारी विज्ञान विज्ञप्ति में बी.1.617 को चिंताजनक स्वरूप (VOA) बताया।

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चिंताजनक स्वरूप वे होते हैं जिन्हें वायरस के मूल रूप से कहीं अधिक खतरनाक माना जाता है। कोरोना वायरस का मूल स्वरूप पहली बार 2019 के अंतिम महीनों में चीन में देखा गया था। किसी भी स्वरूप से पैदा होने वाले खतरे में संक्रमण फैलने की अधिक आशंका, ज्यादा घातकता और टीकों से अधिक प्रतिरोध होता है। WHO ने कहा कि बी.1.617 में संक्रमण फैलने की दर अधिक है। उसने कहा कि प्रारंभिक सबूत से पता चला है कि इस स्वरूप में covid-19 के इलाज में इस्तेमाल मोनोक्लोनल एंटीबॉडी ‘बामलैनिविमैब' की प्रभाव-क्षमता घट जाती है।

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covid-19 का बी.1.617 स्वरूप सबसे पहले भारत में अक्तूबर 2020 में देखा गया। भारत में covid-19 के बढ़ते मामलों और मौतों ने इस स्वरूप की भूमिका को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। WHO द्वारा भारत में स्थिति के हालिया आकलन में भारत में covid-19 के मामले फिर से बढ़ने और तेज होने में कई कारकों का योगदान होने की आशंका जताई गई है। इनमें SARS COV-2 स्वरूपों के संभावित रूप से संक्रमण फैलाने, धार्मिक और राजनीतिक कार्यक्रम, जन स्वास्थ्य एवं सामाजिक कदमों का पालन कम होना शामिल है।

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Content Writer

Seema Sharma

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