PM मोदी ने यूक्रेन को मदद भेजने का किया ऐलान, भारतीयों को निकालने के लिए पड़ोसी देशों में जाएंगे 4 मंत्री

punjabkesari.in Tuesday, Mar 01, 2022 - 04:46 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः  रूस और यूक्रेन के बीच तेज होती लड़ाई के बीच भारतीय स्टूडेंट्स की दिक्कतें भी बढ़ती जा रही हैं। रूस और यूक्रेन मध्य चल रहे युद्ध के बीच कई भारतीय नागरिक यूक्रेन के शहरों व सीमा पर फंसे हुए हैं। ऐसे में भारत की मोदी सरकार ने इन्हें वहां से निकालने की स्थिति की समीक्षा के लिए चार केंद्रीय मंत्रियों को भेजने का फैसला किया है। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों को वापस लाने के लिए उड़ानों की संख्या बढ़ाने का ऐलान किया है और इनमें न सिर्फ भारतीय विद्यार्थियों को बल्कि पड़ोसी व विकासशील देशों को भी स्टूडेंट्स को भी वापस लाया जाएगा।

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मोदी सरकार ने मानवीय मदद के तौर पर यूक्रेन को राहत आपूर्ति भेजने का भी ऐलान किया है।  दूसरी तरफ वॉरजोन में स्थिति बहुत गंभीर होती जा रही है और भारतीय स्टूडेंट्स का कहना है कि उन्हें बॉर्डर चेकप्वाइंट्स पर दिक्कतें हो रही हैं और उन्हें बॉर्डर पार नहीं करने दिया जा रहा है। यूक्रेन और पोलैंड के बीच शेहयानी-मेडयिका बॉर्डर पर कुछ भारतीय स्टूडेंट्स पिछले 72 घंटे से फंसे हुए हैं और अपनी बारी की इंतजार कर रहे हैं कि उन्हें वहां से निकाला जा सके।

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PM मोदी की अध्यक्षता में आयोजित  एक बैठक में चार केंद्रीय मंत्रियों को मौजूदा स्थिति की समीक्षा के लिए भेजने का ऐलान किया गया। ये मंत्री  स्टूडेंट्स की सुरक्षित वापसी को सुनिश्चित करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी हंगरी, किरेन रिजिजू स्लोवाकिया, ज्योतिरादित्य सिंधिया रोमानिया और जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह पोलैंड में स्टूडेंट्स को वॉरजोन से निकासी की निगरानी करेंगे। ये सभी केंद्रीय मंत्री इन देशों में विशेष प्रतिनिधि के तौर पर जाएंगे। बता दें कि एयर इंडिया ने अब तक दिल्ली और मुंबई से रोमानिया के बुखारेस्ट, हंगरी के बुडापेस्ट के लिए छह फ्लाइट भेजी हैं जिससे 1396 भारतीयों को वापस लाया जा चुका है। इन स्थानों पर अभी आठ और उड़ानों की योजना है।

 

इसके अलावा पोलेंड के वारसा के लिए उड़ान शुरू करने की योजना है।  एयर इंडिया ग्रुप के अलावा इंडिगो और स्पाइसजेट ने भी यूरोप के लिए फ्लाइट्स का ऐलान किया है।  यूक्रेन में करीब 20 हजार भारतीय थे जिसमें से सरकार के मुताबिक 8 हजार लोग वापस सुरक्षित स्थानों पर पहुंच चुके हैं।  यूक्रेन में फंसे वडोदरा (गुजरात) के एक छात्र ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि शुक्रवार की शाम से वह जमा देने वाली ठंड में यहां बॉर्डर पार करने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन यूक्रेन के बॉर्डर गार्ड्स पोलेंड तक नहीं जाने दे रहे हैं।

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छात्र ने बताया कि लड़कियों व लड़कों को अलग कर दिया गया है और कुछ लड़कियों को 40 घंटे बाद जाने की मंजूरी दी गई लेकिन उसमें से एक भी भारतीय को मंजूरी नहीं दी गई।भारतीय छात्रों को परेशान किया जा रहा है, उन्हें पीटा जा रहा है और यूनिवर्सिटी में वापस लौटने के लिए कहा जा रहा है।  वडोदरा के ज्ञानीश पटेल को मंजूरी मिलने के बाद भी अपनी मित्र के साथ शेहयनी चेक पोस्ट पार करने में 36 घंटे लग गए।


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Content Writer

Tanuja

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