रूस को लेकर भारत की चुप्पी पर भड़के भारतीय अमेरिकी सांसद, कहा-'चीनी आक्रमण के समय हमने साथ दिया, पुतिन ने नहीं'

punjabkesari.in Monday, Mar 28, 2022 - 06:02 PM (IST)

वाशिंगटनः भारतीय मूल के एक प्रभावशाली भारतीय सांसद रो खन्ना ने रविवार को कहा कि भारत को यूक्रेन पर हमले के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ‘‘निंदा करनी चाहिए'' और नई दिल्ली को रूस या चीन से तेल नहीं लेना चाहिए। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में सिलिकॉन वैली का प्रतिनिधित्व करने वाले खन्ना ने कहा कि अब भारत के लिए अपना पक्ष चुनने का वक्त आ गया है। उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैं भारत पर वास्तव में स्पष्ट रहा हूं और मुझे लगता है कि भारत को पुतिन की निंदा करनी चाहिए और भारत को रूस या चीन से तेल नहीं लेना चाहिए। हमें पुतिन को अलग-थलग करने के लिए दुनिया को एकजुट करना चाहिए।'' 

 

 दरअसल, अमेरिका हमेशा से भारत  पर इस बात का दबाव बनाता रहा है कि वह रूस की आलोचना करे। यूक्रेन युद्ध के बाद से अमेरिका को उम्मीद थी कि अंतरराष्ट्रीय मंचों में भारत रूस के खिलाफ रहेगा लेकिन भारत ने इस मामले में अभी तक सधा हुआ रुख अपनाया है। भारत ने रूस को सीधे कुछ बोलने के बजाए शांति की अपील की है। इसी बीच भारतीय मूल के एक अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने कहा कहना है कि भारत को अब अवश्य ही यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की निंदा करनी चाहिए। अमेरिकी सांसद ने ये भी कहा है कि भारत को रूस या चीन से तेल भी नहीं खरीदना चाहिए। उनका कहना है कि अब समय आ गया है कि भारत निर्णय कर ले कि वो किस पाले में रहना चाहता है।

 

अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में सिलिकन वैली का प्रतिनिधित्व करने वाले रो खन्ना रूस पर भारत की वर्तमान नीति की हमेशा से आलोचना करते रहे हैं।  एक इंटरव्यू के दौरान सख्त लहजे में उन्होंने  चीन का जिक्र करते हुए  कहा कि  जब चीन ने भारत पर आक्रमकता दिखाई तब  अमेरिका उनके साथ खड़ा था,पुतिन वहां नहीं थे। ये समय भारत के लिए अमेरिका से हथियार खरीदने का है, रूस से नहीं।हमें ये देखना होगा कि इस प्रक्रिया को कैसे आसान बनाया जा सकता है। हमें चीन को नियंत्रित करने के लिए एक सहयोगी के रूप में भारत की जरूरत है।

 

 हाल के दिनों में अमेरिका के कई शीर्ष सांसदों ने यूक्रेन संकट पर भारत की स्थिति पर भारी रोष जताया है।  इसमें सांसद जॉन कॉर्निन और भारतीय अमेरिकी कांग्रेसी डॉ अमी बेरा भी शामिल हैं। भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर अब तक अपना निष्पक्ष और स्वतंत्र रुख बरकरार रखा है  भारत संयुक्त राष्ट्र में रूस की निंदा से जुड़े सभी प्रस्तावों से अब तक दूर ही रहा है। भारत ने हालांकि ये जरूर कहा है कि सभी देशों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों, अंतर्राष्ट्रीय कानून और देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए।

 


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Content Writer

Tanuja

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